इस लेडी के कहने पर चुनावी राजनीति में उतरीं प्रियंका गांधी, वायनाड जीतकर ‘गांधी फैमिली’ की 10वीं सदस्य बनीं राहुल की ‘बहन जी’

Wayanad Bye-Election Results 2024: वायनाड लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी करीब 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क।  Wayanad Bye-Election Results 2024 झारखंड-महाराष्ट्र के साथ ही देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए। इन्हीं से एक लोकसभा सीट वायनाड की थी थी, जहां से प्रियंका गांधी ने प्रचंड जीत हासिल की है। वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी को 6 लाख 22 हजार 338 वोट मिले हैं, जबकि सीपीआई के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 2 लाख 11407 वोट तो वहीं बीजेपी कैंडीडेट नव्या हरिदास को 109939 वोट मिले। प्रियंका गांधी ने सीपीआई प्रत्याशी को 410931 वोटों के विशाल अंतर से हराया।

गांधी परिवार के ये सदस्य चुने गए सांसद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद ये सीट रिक्त हो गई थी। कांग्रेस ने वायनाड से प्रियंका गांधी को चुनाव के मैदान में उतारा। ऐसे में प्रियंका गांधी ‘गांधी परिवार की दसवीं सदस्य बनी, जो चुनावी राजनीति में उतरीं। प्रियंका से पहले जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, सोनिया गांधी, मेनका गांधी, राहुल गांधी और वरुण गांधी संसद पहुंच चुके हैं। प्रियंका के चुनावी राजनीति में आने की पठकथा उनकी मां सोनिया गांधी ने लिखी। जानकार बताते हैं कि मां के कहने पर प्रियंका सक्रिय राजनीति में आई।

सबसे पहले जवाहरलाल नेहरू चुने गए सांसद

गांधी फैमिली से सबसे पहले जवाहर लाल नेहरू चुनाव जीते। वह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की फूलपुर सीट से तीन बार सांसद रहे। इंदिरा गांधी ने 1967 में रायबरेली से पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। फिरोज गांधी 1952 और 1957 में रायबरेली से सांसद चुने गए। 1980 में संजय गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। राजीव गांधी 1981 में पहली बार अमेठी से उपचुनाव जीतकर सांसद चुने गए। सोनिया गांधी ने 1999 में बेल्लारी और अमेठी से चुनाव लड़ीं और दोनों सीट से जीत हासिल की। मेनका गांधी ने 1989 में पीलीभीत से अपना पहला चुनाव जीता। राहुल गांधी पहली अमेठी से 2004 में सांसद चुने गए थे। वरुण गांधी पहली बार 2009 में पीलीभीत से पहली बार सांसद चुने गए।

लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय थीं प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी राजनीति में लंबे वक्त से सक्रिय हैं, लेकिन उन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा था। लेकिन अब वायनाड से उनका चुनावी डेब्यू हो गया। इसी के साथ प्रियंका गांधी-नेहरू परिवार की 10वीं सदस्य बनी, जो चुनाव जीतकर संसद पहुंची। प्रियंका गांधी से पहले इस सीट से 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी निर्वाचित हुए थे। राहुल गांधी ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सीपीआई (एम) के उम्मीदवार एनी राजा को 3 लाख 64 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी। राहुल गांधी ने वायनाड से रिजाइन किया और प्रियंका को चुनाव लड़वाया। जनता ने उन्हें अपना जनप्रतिनिधि चुन लिया।

राहुल गांधी को कुल 6,47,445 वोट मिले

पिछले चुनाव में वायनाड लोकसभा सीट पर 73.57 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस समय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को कुल 6,47,445 वोट मिले थे। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी एनी राजा महज 2,83,023 वोटों पर सिमट गए थे। इसी प्रकार तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के प्रत्याशी के सुरेंद्रन को महज 141,045 वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) की उम्मीदवार थीं। उनके मुकाबले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की ओर से सत्यन मोकेरी को उतारा गया था। बीजेपी ने नव्या हरिदास पर दांव लगाया था।

4 लाख से अधिक वोटों से जीती चुनाव

वायनाड उपचुनाव में करीब 4 लाख वोटों की बढ़त के साथ प्रियंका गांधी ने अपने भाई राहुल गांधी की जीत के अंतर को पीछे छोड़ दिया है। 2024 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने 3,64,422 के अंतर से जीत हासिल की थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अपने चुनावी पदार्पण में अपने भाई राहुल गांधी से बहुत आगे निकल गई हैं। प्रियंका गांधी ने वायनाड की जनता को इस जीत पर बधाई दी है। साथ ही जनता का धन्यवाद भी किया है।

कुछ इस तरह से बोलीं प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने एक्स पर कहा कि ‘आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि समय के साथ, आपको वास्तव में यह महसूस हो कि यह जीत आपकी जीत है और जिस शख्स को आपने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है। वह आपकी उम्मीदों और सपनों को समझता है और आपके लिए लड़ता है। मैं संसद में आपकी आवाज बनने के लिए उत्सुक हूं.।

विरासत और परंपरा भी काफी समृद्ध

कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित केरल के वायनाड सीट का राजनीतिक महत्व तो है ही, यहां की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा भी काफी समृद्ध है। वल्लियूर केवु भगवती मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की बहुत धार्मिक मान्यता हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति की सबसे बड़ी आबादी है। साथ ही मुस्लिम वोटर्स भी हार-जीत में अहम रोल निभाते हैं। यहां काली मिर्च और कॉफी की खेती बहुतायत से होती है। बल्कि इसी की वजह से वायनाड को दुनिया भर में जाना जाता है।

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