नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना…। मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा…। ये कविता 2019 में विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी नेता देवेंद्र फणडवीस ने सुनाई थी, जो सच साबित हुई। महज पांच साल के अंदर ‘देव भाऊ’ महाराष्ट्र की राजनीति के बाजीगर बन गए। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपना परममित्र बताया। ये ऐसे नहीं हुआ। इसके लिए देवेंद्र फणड़विस ने जीतोड़ मेहनत की। सटीक रणनीति बनाई। 70 से ज्यादा रैली, सभा और रोड शो किए। सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की लाइन को लेकर चले। जिसका नतीजा ये रहा कि विधानसभा चुनाव में महायुति को प्रचंड जीत मिली। अकेले बीजेपी 132 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। अब ‘देवा भाऊ’ सूबे के अगले चीफ मिनीस्टर होंगे। वह 5 दिसंबर को शपथ लेंगे।
विधायक दल के नेता चुने गए देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ। महायुति की बागडोर देवेंद्र फडवणिस के हाथों में थी। चुनाव प्रचार के बाद मतदान हुआ और परिणाम ने सबको चकित कर दिया। महायुति ने प्रचंड जीत दर्ज की है। इस चुनाव में विपक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा है। महायुति में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं शिंदे सेना के खाते में 57 और एनसीपी (अजित पवार गुट) को 41 सीटें मिली हैं। उधर, महा विकास आघाडी के खाते में सिर्फ 47 सीटें ही आईं। शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीट, कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (शरद पवार) ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की। देवेंद्र फडणवीस जीत के नायक के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति के ‘बाजीगर’ बने। 4 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई और देवेंद्र फडणवीस को नेता चुन लिया गया।
5 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस पांच दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे। वहीं एकनाथ शिंदे और अजीत पवार डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभालेंगे। बताया जा रहा है कि तीनों दलों के बीच मंत्रिमंडल को लेकर पूरी चर्चा हो गई है। बृहस्पतिवार को तीन नेता ही शपथ लेंगे। इसके बाद अगली तारीख को मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। देवेंद्र के सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा एनडीए शासित प्रदेश के सभी मुख्यमंत्री शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारियों जोरों पर हैं। ऐसे में हम आपको देवेंद्र फडणवीस के जिंदगी से जुड़े अहम किस्सों से रूबरू कराने जा रहे हैं। कैसे देवेंद्र पार्षद से मुख्यमंत्री बने। फिर वह ढाई साल तक डिप्टी सीएम रहे। उद्धव ठाकरे सरकार के तख्तापलट की कैसे नींव रखी और आज के वक्त महाराष्ट्र की राजनीति के वह किंग बने।
नागपुर में हुआ था देवेंद्र फडणवीस का जन्म
देवेंद्र फडणवीस का जन्म 22 जुलाई 1970 को नागपुर में हुआ था। देवेंद्र फडणवीस का ताल्लुक मराठी ब्राह्मण परिवार से है। पूरा नाम देवेंद्र गंगाधर राव फडणवीस है। देवेंद्र के पिता गंगाधर राव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ से जुड़े रहे। खास बात यह है कि देवेंद्र फडणवीस के पिता महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके थे। जब देवेंद्र फडणवीस की उम्र महज 17 साल की थी, तब उनके पिता का देहांत हो गया। देवेंद्र फडणवीस लॉ स्नातक हैं। उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट और जर्मनी से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। फडणवीस ने अपना राजनीति करियर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और बाद में बीजेपी के वार्ड संयोजक के रूप में शुरू किया। यहां से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा दो बार सीएम की कुर्सी तक पहुंची। अब तीसरी बार सीएम बनने जा रहे हैं।
देवेंद्र फडणवीस पहली बार चुने गए पार्षद
22 साल की उम्र में देवेंद्र फडणवीस ने 1992 में नागपुर नगर पालिका के चुनाव में पार्षद का चुनाव जीता। पांच साल बाद ही उनकी किस्मत एकदम से पलटी और 1997 में महज 27 साल की उम्र में फडणवीस नागपुर नगर पालिका के मेयर बने। दो साल बाद ही उनके जीवन में एक नई उपलब्धि जुड़ी। साल 1999 में देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता। तब से जीत का यह सिलसिला जारी है। 2013 में बीजेपी ने फडणवीस को महाराष्ट्र इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। उनकी अध्यक्षता में बीजेपी ने 2014 विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक 122 सीटों पर चुनाव जीता। बीजेपी ने 63 सीटों पर चुनाव जीतने वाली शिवसेना के साथ गठबंधन में सरकार बनाई। 2014 में महज 44 साल की उम्र में फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शरद पवार के बाद देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के दूसरे सबसे युवा सीएम बने। 1978 में 38 साल की उम्र में शरद पवार ने सबसे युवा मुख्यमंत्री की शपथ ली थी।
ड्रामा 22 और 23 नवंबर 2019 को चला
2019 में देवेंद्र फडणवीस ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। मगर अजित पवार के सहयोग से बनी यह सरकार महज 80 घंटों में ही धराशायी हो गई। यह सियासी ड्रामा 22 और 23 नवंबर 2019 को चला। इसके बाद उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री बने। मगर 2022 में शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। इसके बाद उद्धव सरकार भी नहीं चल सकी। बीजेपी के सहयोग से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने तो पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया। देवेंद्र फडणवीस को पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी बताया जाता है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी देवेंद्र फडणवीस के सियासी गुरू रहे हैं। नितिन गडकरी नागपुर से आते हैं और यहीं से देवेंद्र फडणवीस भी ताल्लुख रखते हैं। इस चुनाव में देवेंद्र फडणवीस ने जहां 70 से अधिक रैलियां की, वहीं नितिन गडकरी दूसरे नंबर रहे और 65 से ज्यादा सभाएं की।
देवेंद्र फडणवीस की पत्नी का नाम अमृता
देवेंद्र फडणवीस की पत्नी का नाम अमृता फडणवीस है। दोनों की पहली मुलाकात 2005 में हुई थी। अमृता को खाली टाइम पर देवेंद्र से गाना सुनना पसंद है। दोनों की एक बेटी भी है। नागपुर के रावसाहेब फडणवीस पार्क एरिया में देवेंद्र फडणवीस का निवास है। देवेंद्र फडणवीस की प्रारंभिक पढ़ाई इंदिरा कॉन्वेंट स्कूल से हुई। मगर इससे जुड़ा रोचक किस्सा भी है। दरअसल, आपातकाल के दौरान देवेंद्र के पिता गंगाधर राव को गिरफ्तार कर लिया गया था। देवेंद्र ने अनोखे तरीके से इस गिरफ्तारी का विरोध किया। उन्होंने इंदिरा गांधी के नाम वाले इस स्कूल से अपना नाम तक कटवा लिया। देवेंद्र फडणवीस मॉडलिंग भी कर चुके हैं। 2006 में नागपुर के चौराहों पर लगी उनकी मॉडलिंग की तस्वीरें भी खूब चर्चा में रही हैं। होर्डिंग्स और बैनरों में लगी मॉडल की फोटो देवेंद्र फडणवीस की थी। जानकारी के मुताबिक फोटोग्राफर विवेक रानाडे ने ही देवेंद्र को मॉडलिंग प्रति प्रेरित किया और मनाया। खास बात यह है कि अटल विहारी वाजपेयी भी उन्हें मॉडल विधायक कहकर बुलाते थे।
’पेशवा’ और देवा भाऊ कहते हैं प्रशंसक
मराठा इतिहास में पंतप्रधान यानी ’पेशवा’ अपने कूटनीति और युद्धनीति के लिए जाने जाते थे। देवेंद्र फडणवीस के प्रशंसक भी उन्हें ’पेशवा’ और देवा भाऊ ही कहते हैं। देवेंद्र फडणवीस पहले भी दो बार महाराष्ट्र के सीएम रह चुके हैं, मगर उनके लिए यह कुर्सी ’लॉलीपॉप’ की तरह नहीं मिली। हर बार उन्होंने बड़े चैलेंज को स्वीकार किया और हर दांव से पार्टी को जीत दिलाई। रिपोर्टस के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव में रैली के दौरान नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर बीजेपी के बड़े नेताओं से बातचीत कर रहे थे। वहां नितिन गडकरी, गोपीनाथ मुंडे और देवेंद्र फडणवीस भी थे। नरेंद्र मोदी ने पूछा कि महाराष्ट्र में बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी? गडकरी और मुंडे 17-18 के आंकड़े तक पहुंच सके। तब देवेंद्र फडणवीस ने 40 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की और यह सच साबित हुई।