महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने ‘100 करोड़ की वसूली’ मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और NCP नेता अनिल देशमुख को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। कोर्ट ने अपने संक्षिप्त फैसले में माना है कि देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। सोमवार को जज मकरंद कर्णिक ने इस मामले में अनिल देशमुख को जमानत देने का फैसला सुनाया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख को जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा कि यह आदेश 10 दिनों के बाद लागू होगा, यानी वह 10 दिन बाद ही जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
2021 में गलत तरीके से देशमुख को गिरफ्तार किया गया था
आपको बता दें, हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत पर सुनवाई को पहले ही पूरी कर लिया था। जिसके बाद से ही हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखा गया था। सोमवार को जज मकरंद कर्णिक ने इस मामले में अनिल देशमुख को जमानत देने का फैसला सुनाया। क्योंकि कोर्ट ने अपने संक्षिप्त फैसले में माना कि देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। अनिल देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने बताया यह मामला अप्रैल, 2021 में दर्ज कराया गया और गलत तरीके से देशमुख को गिरफ्तार किया गया। मामले में सरकारी गवाह ने अपनी गवाही में कहा था कि वे होटलों से वसूली करते थे, लेकिन वसूली के कोई सबूत नहीं मिले। साथ ही मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने भी कहा था कि उन्होंने सुनी सनाई बात के आधार पर आरोप लगाया था, जबकि उनके पास कोई सबूत नहीं हैं।
मुंबई पुलिस कमिश्नर ने लगाए थे गंभीर आरोप
दरअसल, बीते साल मार्च में मुंबई पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आईपीएस अधिकारियों के तबादले के पीछे अनिल देशमुख का हाथ है। उन्होंने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने का आरोप लगाया था। इसी पत्र के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी और मामले की मनी लॉड्रिंग एंगल से जांच करने के लिए ईडी को निर्देश दिया था।इसके बाद ईडी ने इस मामले में अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था। हालांकि इस मामले में अनिल देशमुख को 13 महीने बाद जमानत भी मिली गयी थी।