राजनाथ सिंह का बयान: 2027 तक भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

Rajnath singh नेराजनाथ सिंह ने vientiane में कहा अब दुनिया को भारत की ताकत समझ आ रही है आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2027 तक भारत तीसरे स्थान पर होंगा

Vientiane: जब भी कोई भारतीय नेता विदेश में खड़ा होकर भारत की बात करता है, तो यह सिर्फ शब्द नहीं होते; यह एक पूरी कहानी का हिस्सा बन जाते हैं। यह कहानी भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शेयर की जब उन्होंने विदेश में भारतीय समाज के सामने भारत बदलते चेहरे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, *”हमारी सरकार 2014 से केंद्र में है तब से लेकर आज तक भारत का कद दुनिया के नक्शे पर लगातार बढ़ता जा रहा है।

भारत की बढ़ती ताकत

राजनाथ सिंह की आवाज़ में साफ साफ आत्मविश्वास झलक रहा था, जब उन्होंने भारत के बदलते स्थान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, पहले भारत को एक गरीब और पिछड़े देश के रूप में देखा जाता था लेकिन अब दुनिया को भारत की ताकत समझ आ रही है। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2027 तक हम तीसरे स्थान पर होंगे।यह बयान केवल आंकड़ों का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि भारत के विकास के साक्षात गवाह की तरह था। यह बदलाव इस बात का प्रतीक था कि भारत न केवल अपनी अर्थव्यवस्था में बल्कि अपने अंतरराष्ट्रीय कद में भी एक नया मुकाम हासिल कर चुका है।

आत्मनिर्भर भारत की गूंज

क्या आप इस बदलाव को महसूस कर सकते हैं कि वह बदलाव जिसने भारत की पहचान को एक गरीब राष्ट्र से एक ताकतवर राष्ट्र में बदल दिया है राजनाथ सिंह ने इसे मात्र आंकड़ों की बात नहीं बल्कि उन भारतीयों की मेहनत और समर्पण की कहानी बताया जो भारत और विदेशों में लगातार इस बदलाव का हिस्सा बन रहे हैं।

ये भी पढ़ें: https://news1india.in/national/one-more-example…ent-in-hameerpur/206886/

भारत का नया अध्याय

राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि यह बदलाव सिर्फ उनकी बात नहीं, बल्कि भारत के हर नागरिक की है। यह एक ऐसी कहानी है, जो दुनिया को यह समझा रही है कि भारत अब केवल सपनों का देश नहीं है, बल्कि वह उन सपनों को हकीकत में बदलने की शक्ति रखता है। आज जब भारत का नाम लिया जाता है, तो यह सिर झुकाकर नहीं, बल्कि गर्व से उठाकर लिया जाता है। यह गर्व हर भारतीय का है, चाहे वह लाओस के Vientiane शहर की गलियों में हो या भारत के किसी छोटे से गांव में। दुनिया अब सुन रही है और भारत गर्व से बोल रहा है।

Exit mobile version