Jharkhand Politics : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में झारखंड में रोहिंग्या घुसपैठियों के संदर्भ में एक बयान दिया, जिसके बाद झारखंड और देश की राजनीतिक स्थिति में गर्मी आ गई है। शाह ने कहा, “यदि आप झारखंड की सरकार बदल देते हैं, तो मैं वादा करता हूं कि हम एक-एक रोहिंग्या घुसपैठिए को चुन-चुनकर झारखंड से बाहर निकाल देंगे।”
शाह के इस बयान का जवाब देते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिक्रिया दी। सोरेन ने कहा कि वे बांग्लादेशी घुसपैठियों का जिक्र कर डेमोग्राफी को बिगाड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत सरकार के आंकड़ों को देखना चाहिए, जिससे सच्चाई सामने आएगी। सोरेन ने आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चूहों की तरह समाज में घुसकर उसे तोड़ने का काम कर रहे हैं।
बीजेपी का पलटवार
सोरेन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रयासों के कारण ही आज भारत गुलामी की मानसिकता को तोड़कर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने अफसोस जताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के चलते अपने पूर्वजों, वंशजों और आदिवासी समाज की अस्मिता को खतरे में डाल रहे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य के भीतर नहीं देख पा रहे हैं, जबकि RSS भारत की पहचान और परंपरा को स्थापित कर रही है, जिसे सोरेन अपने राज्य में प्रतिबंधित कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सोरेन जी, आप आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वजह से अपने धर्म का पालन कर रहे हैं, अन्यथा आप और आपके जैसे कई लोग अपने मूल धर्म को खो चुके होते। साथ ही, उन्होंने कहा कि सोरेन को अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण निम्न स्तर तक गिरने का सिलसिला नहीं रोकने देना चाहिए और उन्हें अपने अंतरात्मा की आवाज अवश्य सुननी चाहिए।
अमित शाह के बयान पर सोरेन ने कही ये बात..
शाह के घुसपैठियों के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोरेन ने कहा कि मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे भारत सरकार के आंकड़ों को देखकर समझें कि किस जिले और राज्य में आंकड़ों में किस प्रकार का बदलाव आया है। उन स्थानों पर जहां लोग शांति से रहते हैं, वह उन्हें पसंद नहीं है। वहीं, जहां विवाद होते हैं, वहां उनकी राजनीति फलती-फूलती है। इसलिए इन लोगों को गाँव में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए, क्योंकि ये लोग पैसा, हड़िया और शराब लेकर आते हैं।
ये डेमोग्राफी खराब करने और बांग्लादेशी घुसपैठिए की बात करेंगे। मैं उनको कहना चाहूंगा कि जाकर भारत सरकार का आंकड़ा निकाल कर देख लें कि कौन से जिला, कौन से राज्य में, किस तरह से आंकड़ों में बदलाव हुआ है।
जहां लोग एक साथ अमन चैन से रहते हैं वह इनको अच्छा नहीं लगता है। जहां-जहां… pic.twitter.com/5MbXO0m3zM
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 25, 2024
सोरेन ने आगे कहा कि आरएसएस के लोग चूहों की तरह समाज में घुसकर उसे तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जब हमारे एक नेता हमारी पार्टी में थे, तो वे 1932 की मांग और स्थानीयता की बात करते थे, लेकिन भगवा रंग धारित करते ही उनकी बातों का स्वरूप बदल गया है। ऐसे लोगों को पहचानने की आवश्यकता है ताकि आगामी चुनाव में हमारी जनता के साथ कोई गलती न हो सके। हमें इनको ठोस जवाब देना होगा।