देवेंद्र फडणवीस ने ली महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ, एकनाथ शिंदे और अजित पवार का मिली डिप्टी सीएम की कमान

Maharashtra CM Oath Ceremony : देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार ली महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ, इसी के साथ एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने भी ली डिप्टी सीएम पद की शपथ।

Maharashtra CM Oath Ceremony  नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। बीजेपी के कद्दावर नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह मुम्बई क आजाद मैदान में रखा गया। बुधवार को उन्हें सर्वसम्मति से महाराष्ट्र बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था, जिससे उनके तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रास्ता साफ हो गया था।

अजीत अवार छटी बार बने डिप्टी सीएम

मुम्बई के आजाद मैदान में देवेंद्र फडवणिस को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णनन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। देवेंद्र फडणवीस के साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण ली। एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने छठवी बार राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। जबकि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री के बाद अब डिप्टी सीएम बने। समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे।

एकनाथ शिंदे बने डिप्टी सीएम

लगातार चल रहे कंफ्यूजन के बीच अब एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद के लिए शपथ लेकर सब क्लियर कर दिया है। देवेंद्र फडणवीस के सीएम पद की शपथ लेने के बाद एकनाथ शिंदे ने उप मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। जबकि अजीत अवार लगातार तीसरी बार डिप्टी सीएम बने। शपथ ग्रहण से पहले सीएम देवेंद्र फडवणिस अपनी मां से आर्शीवाद लिया। इसके बाद वह मंच पर पहुंचे।
लौट आया समंदर

2019 में कहा था मैं समंदर हूं

देवेंद्र फडवणिस ने 2019 में अजित पवार के साथ मिलकर शपथ ली थी, लेकिन चंद घंटों के भीतर सत्ता चली गई और फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ा। तब विधानसभा सत्र के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने शायराना अंदाज में कहा था कि ‘मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना. मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा। जिस समंदर ने लौटकर आने का वादा किया था आज वो फिर लौट आया है। इस पांच साल के दौरान संघर्ष रहा, तिरस्कार भी कम नहीं सहा। लेकिन जिस लगन से वह लगे रहे उसने फिर से मुख्यमंत्री की गद्दी फडणवीस को सौंप दी है।

देवेंद्र फडवणिस ने रचा कीर्तिमान

पिता की मौत के बाद देवेन्द्र फडणवीस ने सियासत में किस्मत आजमाने का फैसला किया। इरादा था पिता की सियासी विरासत संभालना। 1990 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हुए। 1992 में नागपुर के राम नगर वार्ड से पहला नगर निगम चुनाव जीते और 22 वर्ष की उम्र में सबसे युवा पार्षद बने। 1997 में नागपुर के सबसे युवा मेयर बने। इसके बाद फडणवीस ने कभी मुडकर पीछे नहीं देखा। 44 की उम्र में महाराष्ट्र के दूसरे यंगेस्ट सीएम. बने।

 

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