Haryana : जेल से 83 साल की उम्र में 10वीं-12वीं किया पास और पांच बार मुख्यमंत्री बनने की प्रेरणादायक ज़िद्द

ओपी चौटाला ने 1968 में राजनीति में कदम रखा, अपने पहले चुनाव में हारने के बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत से मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया। 20 दिसंबर 2024 को उनका निधन हो गया

Om Prakash Chautala political journey

Om Prakash Chautala : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, जिन्हें ओपी चौटाला के नाम से भी जाना जाता है, अभी हाल ही में उनका निधन 20 दिसंबर 2024 को 89 साल की उम्र में हो गया। वह गुरुग्राम स्थित अपने घर में दिल का दौरा पड़ने के बाद मेदांता अस्पताल में भर्ती किए गए थे, जहां दोपहर में उनका निधन हो गया। उनका राजनीतिक सफर बहुत ही रोमांचक और संघर्षों से भरा रहा। खास बात ये है कि पहले चुनाव में हारने के बाद भी ओपी चौटाला ने हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया। आइए जानते हैं उनके जीवन और राजनीतिक यात्रा के बारे में।

तिहाड़ जेल में पढ़ाई,

ओपी चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हुआ था। वह पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे। परिवार में पांच भाई बहन थे और ओपी सबसे बड़े थे। शुरुआत में उनका मन पढ़ाई में कम ही लगता था, इस कारण उन्होंने जल्दी ही पढ़ाई छोड़ दी थी। हालांकि, उनका राजनीतिक करियर धीरे-धीरे आकार लेने लगा। 2013 में ओपी चौटाला को शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। यहां रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 82 साल की उम्र में दसवीं और 12वीं की परीक्षा पास की। यह उनकी शिक्षा के प्रति एक नया दृष्टिकोण और संघर्ष का प्रतीक था।

 कैसे बने विधायक

ओपी चौटाला ने राजनीति में कदम 1968 में रखा। उन्होंने अपने पिता की परंपरागत सीट ऐलनाबाद से चुनाव लड़ा, जहां उनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी के उम्मीदवार लालचंद खोड़ से था। पहले चुनाव में ओपी चौटाला को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह हार मानने वालों में से नहीं थे। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में धांधली हुई थी और हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लंबी सुनवाई के बाद, कोर्ट ने लालचंद की सदस्यता रद्द कर दी। इसके बाद, 1970 में हुए उपचुनाव में चौटाला ने जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे और इस बार उन्होंने जीत हासिल की और विधायक बने।

मुख्यमंत्री बनने का सफर

1987 में हुए विधानसभा चुनावों में लोकदल को 90 में से 60 सीटों पर जीत मिली। इसके बाद देवीलाल, जो पहले से मुख्यमंत्री थे, ने दूसरी बार सरकार बनाई। दो साल बाद लोकसभा चुनाव हुए और जनता दल की सरकार केंद्र में बन गई, जिसमें वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। देवीलाल को उप प्रधानमंत्री का पद मिला। दिल्ली में लोकदल के विधायकों की एक बैठक हुई, जिसमें ओपी चौटाला को हरियाणा का मुख्यमंत्री चुन लिया गया। इस तरह, पहले चुनाव में हारने वाले ओपी चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने, यह उनकी राजनीतिक संघर्ष और मेहनत का नतीजा था।

Exit mobile version