नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच बीते 1035 से अधिक दिनों से जंग जारी है। दोनों देशों के हजारों सैनिक खूनी वार में मारे जा चुके हैं। इसबीच रूसी के कजान शहर पर बड़ा हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन की सेना ने द्रोन के जरिए 6 बड़ी इमारतों पर अटैक किया है। हालांकि इस हमले में कितने लोगों की मौत हुई है, इसकी पुष्टि रूस की तरफ से नहीं की गई। घटना की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहर है। ये हमला 9/11 जैसा बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हमले के पीछे यूक्रेन के राष्ट्रपति का हाथ है।
6 इमारतों पर द्रोन से अटैक
रूस और यूक्रेन के बीच 2035 दिनों से जारी जंग में अब तक हजारों सैनिकों के अलावा आम नागरिकों की जानें जा चुकी हैं। मंगलवार को रूस की राजधानी मॉस्को से 720 किलोमीटर दूर कजान में 6 इमारतों पर द्रोन के जरिए यूक्रेन की सेना ने हमला किया। जानकारी के अनुसार 8 ड्रोन से हमले किए गए। इस हमले का एक वीडियो भी सामने आया है ।जिसमें एक ड्रोन इमारत से टकराते हुए नजर आ रहा है। ड्रोन हमले के बाद रूस के रक्षा मंत्रालय का बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है, एक यूक्रेनी ड्रोन को नाकाम किया गया। हमले के बाद रूस की तरफ से पलटवार भी किया गया। रूसी फाइटर विमानों ने यूक्रेन पर बमों की बारिश की।
9/11 हमले की याद को किया ताजा
रूसी न्यूज एजेंसी स्पुतनिक ने सोशल मीडिया एक्स पर द्रोन हमले की जानकारी दी है। रूसी न्यूज एजेंसी के अनुसार यूक्रेन ने रूसी शहर कजान में नागरिक बुनियादी ढांचे पर ड्रोन से हमले किए। यूक्रेन ने कजान में नागरिक ठिकानों पर हमला करने के लिए अलग-अलग दिशाओं से ड्रोन से हमले कि। यह हमला अमेरिका के 9/11 हमले की याद को ताजा कर रहा है। रूसी न्यूज एजेंसी स्पुतनिक द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्रोन इमारत से टकरा रहा है। इसके बाद इसमें जोरदार धमाका हुआ और इमारत में आग लग गई। इन इमारतों में लोग रह रहे थे या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिली है। इस हमले को लेकर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।
100 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए
यूक्रेन की रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईयू) ने मंगलवार को अपनी वेबसाइट पर यह खुलासा किया था, जब अमेरिका ने पहली बार पुष्टि की कि यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना के साथ-साथ उत्तर कोरिया को भी ’काफी’ नुकसान हुआ है। वहीं दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी ने गुरुवार को सांसदों को बताया था कि रूस भेजे गए कम से कम 100 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए हैं। वहीं, करीब 1,000 के घायल होने का अनुमान है। राष्ट्रीय खुफिया सेवा ने मरने वालों में ज्यादातर के लिए इस तथ्य को जिम्मेदार ठहराया कि उत्तर कोरियाई सैनिकों का ड्रोन के साथ उनके अनुभव की कमी के कारण ’अपरिचित युद्धक्षेत्रों’ में अग्रिम पंक्ति के हमलावर बलों के रूप में ’उपयोग’ किया जा रहा है।