महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी सरकार पर संकट के बादल छाए हुए है. इस बीच अब तय गया हो कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान पर सुनवाई होगी.
दरअसल, मध्य प्रदेश की महिला कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने कोर्ट में अर्जी दायर की थी इसके जरिए मांग की गई थी कि दलबदल में शामिल सभी विधायकों पर कार्रवाई हो और उन्हे कम से कम 5 साल के लिए चुनाव लड़ने से रोका जाए. अब देखना यह है की सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या कदम उठाता है और इससे जुड़ी हुई और भी बड़ी खबरों को जानने के लिए विडियो को अंत तक जरुर देखे.
महाराष्ट्र सरकार चाहे जितना इनकार कर ले लेकिन महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट बढता ही जा रहा है. बीते बृहस्पतिवार को शिवसेना के तीन और विधायक कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी खेमे में शामिल होने के लिए असम की राजधानी गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए. बुधवार को गुवाहाटी पहुंचने के बाद शिंदे ने कुछ निर्दलीय विधायकों समेत 42 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया था.
एकनाथ लगातार कह रहे है कि MVA गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस मजबूत जबकि सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना और उसके कार्यकर्ता कमजोर होते जा रहे है. तो वहीं इन सब के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भावनात्मक अपील की और कहा ‘मै मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने के ले तैयार हुं…. अगर कभी शिवसैनिक मेरे पास आकर कहे तो और इस अपील के साथ ही उद्धव ठाकरे ने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है.

तो वहीं महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में शह और मात का खेल जारी है. एक तरफ बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है. दूसरी तरफ विधायक एक-एक करके उद्धव ठाकरे से अलग होते दिख रहे हैं. बावजूद इसके शिवसेना अपने आप को मजबूत दिखाने में लगी है. बता दे अबतक शिवसेना की तरफ से 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग उठाते हुए डिप्टी स्पीकर को पत्र भेजा गया है. दूसरी तरफ शिंदे खुद को विधायक दल का नेता बता रहे हैं. शिवसेना विधायकों की मीटिंग में पार्टी के सिर्फ 13 MLA पहुंचे थे. जबकि महाराष्ट्र में उनके 55 विधायक हैं. यानी यह साफ हो चला है कि बाकी 42 विधायक शिंदे गुट के साथ हैं. इसमें से 38 विधायक शिंदे के पास गुवाहाटी पहुंच भी चुके हैं. यानी अब शिंदे गुट पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा.