नोटबंदी के सूत्रधार पूर्व RBI Governor को मिली बड़ी जिम्मेदारी बने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव 2

पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। उनके पास प्रशासनिक और आर्थिक मामलों में गहरा अनुभव है। वे पहले नोटबंदी, जीएसटी और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।

shaktikanta das appointed principal secretary to PM Modi

Shaktikanta Das principal secretary to PM : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को अब एक नई और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले इस पद पर पी के मिश्रा 11 सितंबर 2019 से कार्यरत थे।

शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने वित्त, कराधान, उद्योग और बुनियादी ढांचे जैसे अहम क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। उनकी गिनती देश के सबसे अनुभवी और भरोसेमंद अधिकारियों में होती है।

विभिन्न विभागों में काम करने का अनुभव

शक्तिकांत दास ने केंद्र सरकार के कई अहम विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं। वे राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। सरकारी तंत्र में उनका करियर करीब चार दशकों का रहा है, जिसमें उन्होंने विभिन्न नीतिगत फैसलों में अहम भूमिका निभाई।

दिसंबर 2018 में उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पदभार संभाला। इस दौरान उन्होंने कई आर्थिक संकटों, जैसे कि कोविड-19 महामारी और रूस यूक्रेन युद्ध के प्रभावों को झेलते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखा। उनके कार्यकाल में मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और आर्थिक स्थिरता पर खास ध्यान दिया गया।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नेतृत्व

शक्तिकांत दास ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वे भारत के जी 20 शेरपा भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने IMF, G20, BRICS और SAARC जैसे संगठनों में देश का पक्ष रखा।

उन्होंने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (ADB) और न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) जैसी संस्थाओं में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में भी काम किया है। उनके कुशल नेतृत्व की वजह से भारत की आर्थिक नीतियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

नोटबंदी में निभाई अहम भूमिका

शक्तिकांत दास का नाम नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले से भी जुड़ा है। नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान वे आर्थिक मामलों के सचिव थे और उन्होंने इस फैसले को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उनका जन्म 1957 में ओडिशा में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद बर्मिंघम विश्वविद्यालय (यूके) से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया।

आरबीआई में गवर्नर रहते सैलरी

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में काम करते समय शक्तिकांत दास की मासिक सैलरी करीब 2.87 लाख रुपये थी। इसमें महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्ते शामिल थे। यह जानकारी 31 दिसंबर 2019 को सार्वजनिक की गई थी।

अब, प्रधान सचिव के रूप में उनकी नई भूमिका में उनसे बड़ी नीतिगत जिम्मेदारियों की उम्मीद की जा रही है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि वे इस भूमिका को भी बखूबी निभाएंगे।

शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके पास प्रशासनिक और वित्तीय मामलों में व्यापक अनुभव है। उनका कार्यकाल कई बड़े आर्थिक फैसलों से जुड़ा रहा है, और अब वे प्रधानमंत्री कार्यालय में एक अहम भूमिका निभाएंगे।

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