Vice president election: YSR Congress ने एनडीए उम्मीदवार को दिया समर्थन, जीत का मार्जिन बढ़ा

वाईएसआर कांग्रेस ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने का ऐलान किया। इससे एनडीए की स्थिति और मजबूत हो गई है। उम्मीद है कि उम्मीदवार को 435 से अधिक वोट मिलेंगे।

YSR Supports NDA Candidate:आंध्र प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने का फैसला किया है। इस कदम से सत्ता पक्ष के उम्मीदवार की जीत और भी मजबूत हो गई है। पार्टी के सांसद मद्दिला गुरुमूर्ति ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह एनडीए के उम्मीदवार के साथ खड़ी है। वहीं, विपक्षी दल अलग से अपना उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं।

बातचीत के बाद लिया गया फैसला

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से बातचीत की थी। इसी बातचीत के बाद एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने पर सहमति बनी।

वाईएसआर कांग्रेस की स्थिति

लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस के 4 सांसद हैं और राज्यसभा में 7 सांसद। यानी कुल 11 सांसद। खास बात यह है कि वाईएसआर कांग्रेस न तो भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है और न ही विपक्षी इंडिया ब्लॉक का। आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) भाजपा की करीबी सहयोगी है और वाईएसआर कांग्रेस की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी भी।

पहले भी किया है समर्थन

वाईएसआर कांग्रेस का NDA को समर्थन नया नहीं है। इससे पहले पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था। उपराष्ट्रपति चुनाव में भी पार्टी ने पहले वेंकैया नायडू और फिर जगदीप धनखड़ का समर्थन किया था।

एनडीए की ताकत

एनडीए के पास पहले से ही उपराष्ट्रपति चुनाव में बहुमत है। संसद के दोनों सदनों को मिलाकर एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 132 सांसदों का समर्थन है। कुल मिलाकर एनडीए के उम्मीदवार को लगभग 425 वोट मिलने की उम्मीद है। अब वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से यह आंकड़ा बढ़कर 435 से ज्यादा वोट तक पहुंच सकता है। इसका मतलब है कि सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

वाईएसआर कांग्रेस ने एक बार फिर अपने फैसले से एनडीए को मजबूती दी है। विपक्ष भले ही अपना उम्मीदवार उतारे, लेकिन संख्याबल एनडीए और उसके सहयोगियों के पक्ष में साफ तौर पर खड़ा है।

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