नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। एक इनकम टैक्स का अफसर तो दूसरा राजनीति का मास्टर। एक ने अन्ना हजारे के साथ मिलकर देश की सियासत की दिशा-दशा बदल दी तो दूसरे ने पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी को सत्ता की कुर्सी पर बैठाया। एक का 10 साल पहले राजनीति में आगाज हुआ और वह दिल्ली का मुखिया भी बन गया। अब नंबर दूसरे की है। राजनीति का मास्टर लाव-लश्कर के साथ खुद के लिए अपनी सियासी जमीन तैयार कर रहा है। वह बिहार के अंदर बड़े बदलाव की हुंकार भर रहा है। वह सीएम नीतीश कुमार को घेर रहा है तो वहीं तेजस्वी को सबसे ज्यादा भ्रष्ट और झूठा इंसान बताने के साथ ही पटना में खुद की सरकार बनने की भविष्यवाणी भी कर रहा है।
हां हम अब बात कर रहे हैं चुनावी रणनीतिकार से सक्रिय राजनेता बने प्रशांत किशोर की, जो एके यानि अरविंद केजरीवाल की तरह सियासत में कदम रख चुके हैं। वह अरविंद केजरीवाल की तरह ही बिहार के इस वक्त पोस्टरबॉय बने हुए हैं। एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेताओं की पीके नींद हराम किए हुए हैं। वह जाति-धर्म के बजाए बिहार की बात करते हैं। परिवारवाद का जिक्र कर लालू एंड फैमिली को घेर रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के बीच पीके ने बिहार में एके की ही तरह ही बड़ा खेला कर दिया। जिस वक्त एनडीए-इंडिया गठबंधन सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा कर रहे हैं तभी उन्होंने अपने स्पेशल 51 शुभ कैंडीडेट की लिस्ट जारी कर तहलका मचा दिया।
लिस्ट जारी करने के बाद प्रशांत किशोर ने कहा, जैसा की आपको जन सुराज के अध्यक्ष ने बताया होगा कि सनातन परंपरा में लोग पंडितों से पूछते हैं। जो इस विधा को जानने वाले लोग हैं, किसी ने कह दिया कि 51 शुभ अंक है, तो पहले इतने ही उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई। 51 का नंबर सबने मिलकर निकाला था, सबने सुझाव दिया तो हम लोगों ने कहा कि चलो 51 की सूची जारी कर देते हैं। अब पीके के ये शुभ 51 पूरे बिहार में गर्दा उड़ाए हुए हैं। लिस्ट में एक से बड़कर एक नाम हैं। इन्हीं नामों से रितेश रंजन पांडेय हैं जो लोकप्रिय भोजपुरी गायक हैं, जिन्हें पीके ने कारगहर से टिकट दिया है। दूसरा नाम आरके मिश्रा का है। आरके मिश्रा पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। आरके मिश्रा दरभंगा से चुनाव लड़ेंगे।
पीके ने प्रीति किन्नर को भी टिकट दिया है। प्रीति भोरे सीट (गोपालगंज) से चुनाव लड़ रही हैं। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की पूर्व छात्रा और ग्रामीण स्वास्थ्य जागरूकता के लिए कार्यरत रहे अमित कुमार को पीके ने मुजफ्फरपुर से मैदान में उतारा है। प्रसिद्ध गणितज्ञ और पटना विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति केसी सिन्हा को कुम्हरार से टिकट दिया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता वाई वी गिरी, जो कि पटना हाईकोर्ट में पूर्व अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया रह चुके हैं। वह मांझी से वह चुनव लड़ेंगे। पीके के स्पेशल 51 शुभ में 11 उम्मीदवार पिछड़ा वर्ग से हैं। 17 उम्मीदवार अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हैं। 9 उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदायों से हैं। शेष उम्मीदवार सामान्य वर्ग के हैं।
सूची जारी करने के बाद पीके की तरफ से धमाकेदार बयान भी सामने आया। पीके ने कहा, यहां बिहार में हजारों बच्चों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष गुरु रहे, केसी सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं। हिमाचल से अपनी नौकरी छोड़कर एडीजे जेपी सिंह आए हैं, वह छपरा से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। आरके मिश्रा जो एक तरह से यहां के सबसे प्रतिष्ठित आईपीएस ऑफिसर रहे हैं, लालू के दौर में भी जब भागलपुर में दंगे रोकने की बात हुई थी तो आरके मिश्रा को वहां सिटी एसपी बनाकर भेजा गया था। वह आरके मिश्रा दरभंगा से जन सुराज से चुनाव लड़ रहे होंगे। रघुनाथपुर में जहां बाहुबलियों का दौर है, शूटर्स और बाहुबली चुनाव लड़ते हैं, वहां के सबसे प्रतिष्ठित परिवार से आने वाले राहुल कीर्ति सिंह चुनाव लड़ रहे होंगे। प्रशांत किशोर ने कहा, हमारी सूची में शामिल हर नाम के पीछे जन सुराज की सोच और प्रयास दिखेगा।
प्रशांत किशोर से जब राघोपुर सीट से चुनाव लड़ने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ’कुछ साथियों और संगठन के लोगों ने राघोपुर से मेरे नाम से आवेदन दिया था। मैंने उनको ये वादा किया था कि राघोपुर पर निर्णय से पहले मैं आपके यहां आऊंगा। मैंने 11 (अक्टूबर) तारीख तय किया है, जब मैं राघोपुर में रहूंगा। यहां साथियों के साथ बैठकर तय करेंगे कि राघोपुर से कौन चुनाव लड़ेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रशांत किशोर के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का विकल्प खुला हुआ है, पीके ने कहा बिल्कुल खुला है। बता दें कि राघोपुर से तेजस्वी यादव चुनाव लड़ते हैं और वहां के वर्तमान विधायक हैं। सूत्र बताते हैं कि पीके की पार्टी के बड़े नेता चाहते हैं क वह तेजस्वी के खिलाफ चुनाव के मैदान में उतरें। अगर ऐसा हुआ तो तेजस्वी को अपनी सीट पर ज्यादा समय देना पड़ सकता है।
तेजस्वी यादव के हर परिवार में एक सरकारी नौकरी के वादे पर भी पीके ने े प्रतिक्रिया दी। प्रशांत किशोर ने कहा, हर घर में एक सरकारी नौकरी देंगे. इनसे बड़ा झूठ बोलने वाला धरती पर कोई दूसरा नहीं है। या तो वह मूर्ख हैं या पूरे बिहार को मूर्ख बना रहे हैं। हर घर में एक सरकारी नौकरी का मतलब 3.5 करोड़ लोगों को नौकरी। पीके ने कहा कि तेजस्वी बिहार के नेता नहीं है। वह एक परिवार से निकल कर आए हैं। रही बात उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की तो अभी समय है। अगर कार्यकर्ताओं ने कहा तो हम तैयार हैं। पीके ने ये भी दावा किया कि पटना में नीतीश सरकार का तख्तापलट होकर रहेगा। मैंने कई चुनाव लड़वाए हैं। मुझे इसका ज्ञान हैं। मैं कोई कोर कल्पना नहीं करता। जमीन से मिले इनपुट के बाद कह सकता हूं कि बिहार में पीके अहम रोल निभाएंगे।