Mahakumbh Stampede: महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने कई अहम बदलाव किए हैं, ताकि सुरक्षा को मजबूत किया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पूरे मेला क्षेत्र को अब नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है जिससे किसी भी वाहन को परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही सभी मार्गों को वन-वे बना दिया गया है जिससे श्रद्धालु एक दिशा से प्रवेश करेंगे और दूसरी दिशा से बाहर निकलेंगे।
भगदड़ के बाद क्या हुए बदलाव
प्रयागराज प्रशासन (Mahakumbh Stampede) ने हादसे में 30 लोगों की मौत की पुष्टि की है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। भगदड़ के बाद महाकुंभ में कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए गए हैं जिससे भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जा सके।
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महाकुंभ में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है जिससे अब कोई भी गाड़ी परिसर के अंदर नहीं जा सकेगी। इसके अलावा सभी VVIP पास को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। पहले केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश की अनुमति थी जिनके पास विशेष पास होते थे लेकिन अब पासधारकों को भी मेले के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
4 फरवरी तक गाड़ियों की नो एंट्री
व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए सभी मार्गों को वन-वे कर दिया गया है, जहां एक रास्ता आने और दूसरा जाने के लिए निर्धारित होगा। भीड़ नियंत्रण के मद्देनजर प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर ही रोक दिया गया है। साथ ही 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों का प्रवेश शहर में पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
प्रयागराज जिला प्रशासन का उद्देश्य इन नियमों को लागू कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से भी अनुरोध किया है कि वे दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था या परेशानी से बचा जा सके।