पीएम आवास योजना में 9 हजार लाभार्थियों पर गाज, विभागीय जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, अब होगी रिकवरी

प्रयागराज में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। करीब 9,000 लोगों ने फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए सरकारी सहायता ली। विभागीय जांच में खुलासे के बाद अब प्रशासन सभी लाभार्थियों से रिकवरी की तैयारी कर रहा है।

Prayagraj

Prayagraj PM Housing Scheme Fraud: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिले में करीब 9,000 लोगों ने गलत दस्तावेज़ लगाकर सरकारी सहायता का लाभ उठाया, जबकि उनके पास पहले से ही दो मंजिला मकान मौजूद हैं। विभागीय टीम की जांच में यह खुलासा तब हुआ जब इन लोगों को योजना के तहत पहली किस्त जारी की गई। सर्वे के दौरान पता चला कि कई लाभार्थियों ने मकान बनाने की कोई प्रक्रिया भी शुरू नहीं की थी। अब प्रशासन इन सभी लाभार्थियों से रिकवरी की तैयारी में जुटा है। सीडीओ हर्षिका सिंह ने साफ कहा कि गलत दस्तावेज़ों से लाभ लेने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

विभागीय जांच में बड़ा खुलासा

प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों को घर बनाने के लिए ₹1.20 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। शुरुआत में ₹3,200 आपदा राहत के तहत दिए जाते हैं, इसके बाद तीन किस्तों में राशि जारी होती है। हर किस्त के बाद विभागीय टीम सत्यापन और फोटोग्राफी करती है। पिछले वित्तीय वर्ष में आवेदन करने वाले पात्र लोगों को पहली किस्त मिल गई थी, लेकिन जब टीम जांच के लिए पहुंची तो मामला उलझ गया।

शंकरगढ़ ब्लॉक में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा

Prayagraj सर्वे के दौरान शंकरगढ़ ब्लॉक में 3,127 लाभार्थी ऐसे मिले, जिन्होंने पहली किस्त प्राप्त की लेकिन ईंट तक नहीं लगाई। ग्रामीणों से गवाही लेने पर स्पष्ट हुआ कि उन्हें आवास की जरूरत ही नहीं थी। इसी तरह, जिले के अन्य इलाकों में भी करीब 9,000 लाभार्थियों द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए सरकारी राशि लेने के मामले सामने आए।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई की तैयारी

Prayagraj सीडीओ हर्षिका सिंह के अनुसार, जिन लोगों ने गलत दस्तावेज़ लगाकर योजना का लाभ लिया, उनसे संपूर्ण राशि की रिकवरी की जाएगी। साथ ही, इस गड़बड़ी में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी

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