Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी शिक्षक चयन सूचियों को रद्द किया गया था। इन सूचियों में 6,800 उम्मीदवार शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है और कहा है कि इसी के साथ अंतिम सुनवाई भी होगी।
नई सूची जारी करने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2019 में हुई 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के लिए एक नई सूची बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 1 जून 2020 और 5 जनवरी 2022 की सूचियों को रद्द कर दिया था और तीन महीने में नियमों के अनुसार नई सूची बनाने के निर्देश दिए थे। इस फैसले को राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, और इससे पहले की सूची के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की नौकरी पर भी संकट आ गया था।
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आरक्षण और मेरिट के निर्देश
कोर्ट (Supreme Court) ने यह भी कहा था कि नई सूची बनाते समय 1981 के नियमों के तहत 1994 के आरक्षण अधिनियम का पालन किया जाए। अगर कोई आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के बराबर अंक लाता है, तो उसे सामान्य श्रेणी में रखा जाएगा और उच्च क्रम पर आरक्षण दिया जाएगा।
शिक्षकों की नौकरी पर असर
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि अगर नई सूची से किसी वर्तमान में काम कर रहे शिक्षक पर असर पड़ता है, तो राज्य सरकार या संबंधित प्राधिकरण उन्हें सत्र समाप्ति तक का लाभ दें, ताकि विद्यार्थियों पर इसका असर न हो। कोर्ट ने पहले दिए गए आदेशों में बदलाव करते हुए यह निर्देश दिया था, जिसमें 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण से जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाए गए थे।