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Prayagraj : पद्मश्री चमत्कारी बाबा योग की शक्ति से 128 साल में भी है फिट, 124 वर्षो से कुंभ का हिस्सा

प्रयागराज के महाकुंभ में 128 साल के स्वामी शिवानंद आकर्षण का केंद्र हैं। हर कुंभ में भाग लेने वाले शिवानंद बाबा का जीवन कठिन रहा। उन्होंने सादा जीवन और योग को अपनाया। बाबा को 2022 में पद्मश्री सम्मान मिला। उनकी सादगी और चमत्कार भक्तों को प्रेरित करते हैं।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
January 19, 2025
in प्रयागराज, महाकुंभ 2025
Swami Sivananda inspires millions at Kumbh Mela
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Mahakumbh 2025 : प्रयागराज के संगम पर महाकुंभ में इस बार लाखों श्रद्धालु और साधु संत जुटे हैं। इसी भीड़ में एक नाम है जो सबसे खास है स्वामी शिवानंद। 128 साल के बाबा शिवानंद पिछले 100 सालों से हर कुंभ मेले में शामिल हो रहे हैं। वे योग गुरु हैं और राष्ट्रपति से पद्मश्री पुरुस्कार पा चुके हैं। इस बार भी वे अपने शिष्यों के साथ महाकुंभ में पहुंचे हैं और यहां 40 दिन तक साधना करेंगे।

बाबा शिवानंद का साधारण जीवन

बाबा का जीवन बहुत कठिन रहा है। उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को अविभाजित बंगाल के श्रीहट्ट जिले के हरिपुर गांव (अब बांग्लादेश) में हुआ। उनका परिवार बेहद गरीब था। खाने को कुछ नहीं होता था। उनके माता पिता ने संतों को सौंपकर बाबा का पालन पोषण करवाया। जब वह सिर्फ चार साल के थे, तो उन्हें संत ओंकारानंद गोस्वामी को सौंप दिया गया। छह साल की उम्र में उनकी बहन और फिर माता पिता भूख से मर गए। इनका अंतिम संस्कार एक ही चिता पर हुआ।

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इस घटना ने उन्हें इतना झकझोर दिया कि उन्होंने कभी पेट भरकर खाना नहीं खाया। आज भी वे आधा पेट उबला हुआ खाना खाते हैं, जिसमें न तो नमक होता है और न तेल।

बाबा की दिनचर्या

वर्तमान में बाबा वाराणसी के दुर्गाकुंड इलाके में रहते हैं। महाकुंभ के लिए वे प्रयागराज आए हैं। उनके शिष्य बताते हैं कि बाबा रात 9 बजे सो जाते हैं और सुबह 3 बजे उठकर योग शुरू कर देते हैं। वे हमेशा आधा पेट भोजन करते हैं और कभी किसी से दान नहीं लेते।

बाबा के चमत्कार

एक बार का किस्सा है कि बाबा का एक भक्त उनके पास भूखा प्यासा आया। बाबा ने उसे मिट्टी के बर्तन में खीर दी। भक्त ने सोचा कि खीर कम है, लेकिन जैसे ही उसने खाना शुरू किया, उसका पेट भर गया और खीर खत्म नहीं हुई। यह देखकर वह बाबा के चरणों में गिर गया।

पद्मश्री से सम्मानित

21 मार्च 2022 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबा को पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया। बाबा के अनुशासन और योग की जीवनशैली से लाखों लोग प्रेरणा लेते हैं।

Tags: inspiration from simplicitySwami Sivanandayoga and spirituality
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