पृथ्वी शॉ ने रचा इतिहास, रणजी ट्रॉफी में बनाया अबतक का दूसरा सर्वाधिक स्कोर

भारतीय युवा तेजतर्रार और सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ जिन्हें लोग दूसरा सहवाग भी कहते हैं, हाइट थोड़ी कम है तो कई इन्हें छोटा पैकेट बड़ा धमाका भी कहते हैं। पृथ्वी के इन तमाम नामों के पीछे वजह है उनका बेहद आक्रामक खेल जो किसी भी गेंदबाज को परेशानी में ला देता है। अबकी बार पृथ्वी शॉ चर्चा में बने हुए हैं अपने तिहरे शतक को लेकर। जी हां महाराष्ट्र रणजी टीम के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने रातोंरात अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया। शॉ ने रणजी ट्रॉफी में 12 जनवरी को सौराष्ट्र के खिलाफ केवल 326 गेंदों में अपना पहला प्रथम श्रेणी तिहरा शतक जड़ दिया। पृथ्वी ने अपनी इस ऐतिहासिक और यादगार पारी में  कुल 383 गेंदों पर 379 रन बनाए। पृथ्वी का ये तिहरा शतक इतिहास इसलिए बन गया क्योंकि ये रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर था। पृथ्वी के इस स्कोर से पहले  बीबी निंबालकर ने 1948 में सौराष्ट्र के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए नाबाद 443  रन बनाए थे। गौर करने वाली और मजेदार बात तो ये है कि रणजी ट्रॉफी के दोनों सर्वोच्च स्कोर महाराष्ट्र के बल्लेबाजों ने ही बनाए हैं और इससे भी ज्यादा मजे की बात ये है कि दोनों बार विरोधी टीम भी सौराष्ट्र ही रही।

भारतीय टीम में वापसी को तरस रहे हैं पृथ्वी-

वैसे तो पृथ्वी को भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ज्यादा मौके ही नहीं मिले हैं। उन्होने भारत के लिए सिर्फ 1 टी20, 6 वनडे और 5 टेस्ट मैच खेले हैं।

5 टेस्ट मैचों में पृथ्वी ने 42.38 के औसत से 339 रन बनाए हैं

6 वनडे मैचों में 31.5 को औसत से शॉ ने 189 रन बनाए हैं

और अपने इकलौते टी20 मैच में पृथ्वी 0 पर आउट हो गए थे। ये उनकी अंतर्राष्ट्रीय करियर की अभी तक की आखरी पारी है। जिसके बाद से पृथ्वी टीम वापसी के लिए बस तरस ही रहे हैं।

पृथ्वी ने भारत के लिए आखरी मैच श्रीलंका के खिलाफ 25 जुलाई 2021 को खेला था जो एक टी20 मैच था। यानी पिछले 537 दिनों से पृथ्वी शॉ टीम से बाहर चल रहे हैं। लेकिन रणजी के इस तिहरे शतक की गूंज शायद BCCI की नई सेलेक्शन कमेटी के कानों तक पहुंच जाए और आगामी मैचों में पृथ्वी का सेलेक्शन टीम में हो पाए।

अब दिल्ली दूर नहीं है पृथ्वी

एक कहावत है “पढ़ने वाला बच्चा कहीं भी कैसे भी पढ़ ही लेता है चाहे स्कूल हो, ना हो, ट्यूशन मिले ना मिले, यातायात हो चाहे पैदल जाना पड़े, पढ़ने वाला विद्यार्थी पढ़ ही लेता है” ये कहवत पृथ्वी शॉ के ऊपर बिलकुल सटीक बैठती है क्योंकि शॉ भी ऐसे ही क्रिकेटर हैं जिन्हे चाहे भारतीय टीम में मौका ना मिल पा रहा हो लेकिन फर्स्ट क्लास और घरेलू क्रिकेट में अपना जौहर खूब दिखा रहे हैं। अभी ताजा ताजा लगाया गया तिहरा शतक BCCI के चयनकर्ताओं को पृथ्वी शॉ की प्रबल दावेदारी है। पृथ्वी दिखा रहे हैं कि उन्हें मौके ना देकर BCCI  उनके साथ साथ कहीं ना कहीं देश का भी नुकसान कर रही है। हालांकी अब कई एक्सपर्ट ऐसा मान रहे हैं कि इस शानदार तिहरे शतक के बाद पृथ्वी शॉ की भारतीय टीम में वापसी कभी भी हो सकती है। बता दें भारतीय टीम अभी श्रीलंका के साथ होम सारीज खेल रही है इसके बाद न्यूजीलैंड की टीम भारत का दौरा करेगी जिसके लिए भारतीय टीम का ऐलान अभी नहीं हुआ है, हो सकता है कि इस टीम में हमें पृथ्वी का नाम देखने को मिले।

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