Pune Porsche Crash: पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। आरोपी नाबालिग को अदालत ने संप्रेक्षण गृह से रिहा करने का आदेश दिया है। 19 मई को कल्याणी नगर में एक पोर्श कार ने एक बाइक को टक्कर मार दी, जिसके परिणामस्वरूप दो लोग मारे गए।
किशोर की चाची की याचिका का निर्णय
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि किशोर को तुरंत संप्रेक्षण गृह से रिहा किया जाए। यह निर्णय न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजुषा देशपांडे की पीठ ने दिया। किशोर की चाची ने असल में उच्च न्यायालय में अपील की थी। याचिका में किशोर को रिहा किया जाना चाहिए था। अदालत ने कहा कि किशोर का पालन-पोषण फिलहाल उसकी चाची करेगीं क्योंकि उसके माता-पिता और दादा गिरफ्तार हैं।
पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में मुख्य बिंदु:
घटना:
- 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक पोर्श कार ने एक बाइक को टक्कर मार दी।
- हादसे में बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई।
- प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कार 17 वर्षीय नशे में धुत किशोर चला रहा था।
आरोपी:
- किशोर को शुरुआत में जमानत मिल गई थी, लेकिन बाद में उसे किशोर न्याय बोर्ड द्वारा संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था।
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 जून को किशोर को संप्रेक्षण गृह से रिहा करने का आदेश दिया।
‘कानून हमारे हाथ में है।’
उच्च न्यायालय ने माना कि यह गंभीर अपराध था, लेकिन कहा, “हमारे हाथ कानून से बंधे हैं।” कानून का उल्लंघन करने पर किसी भी बच्चे को वयस्कों की तरह नहीं व्यवहार किया जा सकता।अदालत ने निर्णय दिया कि किशोर न्याय बोर्ड का आदेश किशोर को संप्रेक्षण गृह में भेजना गलत था। अदालत ने निर्णय दिया कि यह किशोर न्याय बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर था।
अदालत का फैसला:
- हाईकोर्ट ने माना कि यह एक गंभीर अपराध है, लेकिन किशोर होने के नाते उसके साथ वयस्कों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता।
- अदालत ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड का उसे संप्रेक्षण गृह भेजने का आदेश गलत था।
- किशोर को उसकी चाची के संरक्षण में रखा जाएगा।
अतिरिक्त जानकारी:
- हादसे के बाद किशोर को 300 शब्दों का निबंध लिखने और शराब की लत छुड़ाने के लिए परामर्श लेने जैसी शर्तों के साथ जमानत दी गई थी।
- इस मामले ने देश भर में किशोर न्याय और सड़क सुरक्षा पर बहस छेड़ दी थी।
19 मई को कल्याणी में दुर्घटना हुई
19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में एक पोर्श कार ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। हादसे में बाइक सवार दो आईटी इंजीनियर मारे गए। मृतकों को अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा बताया गया था। घटना के समय 17 वर्षीय किशोर, जो नशे में था, पोर्श कार चला रहा था, जैसा कि मौके पर मौजूद लोगों ने बताया। हादसे के बाद, स्थानीय लोगों ने किशोर को घेरकर पुलिस को सौंप दिया। बाद में एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, जहां किशोर ने शराब पी थी।
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हादसे के 15 घंटे बाद गिरफ्तार किया गया
किशोर को हादसे के 15 घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। देश भर में किशोर न्याय बोर्ड द्वारा जमानत की शर्तों पर चर्चा हुई थी। किशोर को दुर्घटनाओं पर ३०० शब्दों का निबंध लिखने का आदेश दिया गया था। किशोर को ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिन काम करने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा, उसे शराब पीने से छुटकारा पाने के लिए मनोचिकित्सक से सलाह लेने को कहा गया था। देश भर में इस फैसले पर सवाल उठने पर किशोर न्याय बोर्ड ने अपना आदेश बदलकर एक नाबालिग को संप्रेक्षण गृह भेज दिया।