Rakshabandhan 2025: मोदी की पाकिस्तानी बहन की राखी, जो बांधती है प्यार, विश्वास और इंसानियत का धागा!

रक्षाबंधन 2025 पर पीएम मोदी को उनकी मुंहबोली पाकिस्तानी बहन कमर मोहसिन शेख राखी बांधेंगी। यह सिर्फ भाई-बहन का नहीं, बल्कि दो देशों के बीच विश्वास और इंसानियत का बंधन है, जो हर साल और मजबूत होता जा रहा है।

Rakshabandhan

Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन का त्योहार हर साल अनगिनत भाई-बहन के रिश्तों में मिठास घोलता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मुंहबोली बहन कमर मोहसिन शेख की कहानी अनोखी है। पाकिस्तान में जन्मी कमर पिछले 30 वर्षों से हर रक्षाबंधन पर अपने हाथों से बनी राखी मोदी को बांधती हैं—एक ऐसा बंधन जो सिर्फ रिश्तों का नहीं, बल्कि सरहदों को जोड़ने वाली इंसानियत का प्रतीक बन चुका है। इस वर्ष 2025 में भी वे ‘ॐ’ और गणेश जी की राखी लेकर तैयार हैं। यह राखी एक बहन की दुआओं, आशीर्वाद और उम्मीदों की डोर है, जो हर साल प्रधानमंत्री की कलाई पर सजती है और दुनिया को बताती है कि प्यार, भाईचारा और विश्वास की कोई सीमा नहीं होती।

दो देशों के बीच बंधा प्यार का धागा

Rakshabandhan पर राखी सिर्फ एक धागा नहीं होती—यह दिल से दिल को जोड़ने वाली वह डोर होती है जिसमें स्नेह, आशीर्वाद और रिश्तों की गहराई पिरोई जाती है। यही डोर पिछले तीन दशकों से कमर मोहसिन शेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कलाई पर बांधती आ रही हैं। पाकिस्तान के कराची में जन्मी कमर, 1981 में शादी के बाद भारत आईं और गुजरात के अहमदाबाद में बस गईं।

1990 में एक खास मोड़ तब आया जब तत्कालीन राज्यपाल डॉ. स्वरूप सिंह ने उनकी मुलाकात नरेंद्र मोदी से कराई। उस समय मोदी RSS के एक सामान्य कार्यकर्ता थे। जब स्वरूप सिंह ने कमर को अपनी बेटी बताया, तो मोदी ने उन्हें अपनी बहन स्वीकार कर लिया। वहीं से शुरू हुआ यह रिश्ता, जो आज एक मिसाल बन गया है।

राखी में बुना आशीर्वाद और इंसानियत

कमर की बनाई राखियों में सिर्फ धागे नहीं होते, बल्कि उनके हाथों की मेहनत और दिल की दुआएं होती हैं। वे बाजार की राखी नहीं खरीदतीं, बल्कि खुद 4-5 राखियां बनाती हैं और उनमें से सबसे खास एक राखी प्रधानमंत्री के लिए चुनती हैं। इस साल ‘ॐ’ और भगवान गणेश की तस्वीर वाली राखी उन्होंने तैयार की है।

उनकी आंखों में हर बार भाई के लिए दुआ होती है—पहले मुख्यमंत्री बनने की, फिर प्रधानमंत्री बनने की, और अब देश के उज्ज्वल भविष्य की। वे कहती हैं, “मेरी हर राखी में मेरा प्यार, दुआ और विश्वास होता है। मोदी सिर्फ मेरे भाई नहीं हैं, वे देश के लिए मेरी उम्मीद हैं।”

न सीमाएं, न दीवारें—सिर्फ रिश्तों का उजाला

कमर मोहसिन शेख कहती हैं, “मैं पाकिस्तान में जन्मी, लेकिन भारत मेरा घर है और नरेंद्र मोदी मेरे भाई। यह रिश्ता सरहदों से ऊपर है।” हर Rakshabandhan पर वे प्रधानमंत्री कार्यालय से न्योते का इंतजार करती हैं और जैसे ही बुलावा आता है, उनकी आंखें खुशी से चमक उठती हैं।

यह वह क्षण होता है, जब कोई सरहद, कोई दीवार बीच में नहीं होती—बस एक बहन होती है, जो अपने भाई की कलाई पर प्रेम और आशीर्वाद की डोर बांधती है। यह दृश्य न केवल भावुक कर देता है, बल्कि यह उम्मीद भी जगाता है कि दो देशों के बीच भी रिश्ते पनप सकते हैं।

एक संदेश जो सबको जोड़ता है

कमर और मोदी का रिश्ता आज के समय में एक ऐसा संदेश देता है जिसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है। जब दुनिया में सरहदों को लेकर तनाव है, तब यह राखी हमें बताती है कि इंसानियत की डोर इन दीवारों को भी गिरा सकती है।

Rakshabandhan 2025 में जब कमर अपनी बनाई राखी प्रधानमंत्री मोदी की कलाई पर बांधेंगी, तब यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं होगी, बल्कि यह एक ऐतिहासिक पल होगा—जो दुनिया को दिखाएगा कि सच्चा प्यार, विश्वास और भाईचारा किसी भी सीमा को पार कर सकता है।

यह राखी एक बहन की सिर्फ अपने भाई के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रार्थना है। यह रिश्ता हमें सिखाता है कि जब दिल सच्चे हों, तो कोई भी सरहद रिश्तों को रोक नहीं सकती। आइए इस रक्षाबंधन पर हम भी ऐसा ही प्रेम और विश्वास बांधें।

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