इंसान बीमार होता हैं तो वो अस्पताल जाता हैं। वही अगर कोई जानवर बीमार हो या बुरी हालत में हो तो वो कहा जाये? आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे ट्रस्ट के बारे में जिसने 150 से भी ज्यादा हाथियों को नया जीवन दान दिया हैं। जामनगर के पास खवड़ा में राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट बीमार व वृद्ध हाथियों के इलाज का बड़ा काम कर रहा है। ट्रस्ट का ये केयर सेंटर बीमार व वृद्ध हाथियों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
यहाँ हाथियों के नाम भी रखे गए
रिलायंस के सहयोग से राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट हाथियों के लिए केयर सेंटर संचालित कर रहा है। इन सेन्टरों में वृद्ध व बीमार हाथियों की देखरेख की जाती है। यहां तालाब, हाथियों के घूमने और चरने के लिए खास ट्रैक तैयार किये हुए हैं। यहां वर्तमान में 150 से अधिक घायल, बुजुर्ग हाथियों की देखभाल की जा रही है। यहां एक सर्कस में आग लगने से झुलसे हाथी का पूरा उपचार किया गया। यहां तक यहाँ हाथियों के नाम भी रखे गए हैं। जैसे, एक हाथी के बच्चे का नाम सूर्यवंशी, दूसरे का नाम बॉबी व चंपा है। ये ट्रस्ट इन हाथियों से पैसे नहीं कमाते बल्कि इनकी केवल देखभाल करते हैं.यानि ये हाथी किसी चिड़ियाघर, सर्कस या किसी अन्य मनोरंजन गतिविधि में हिस्सा नहीं लेते है।
रबर की फर्श
इस ट्रस्ट के केयर सेन्टर में केवल हाथियों का इलाज और सेवा की जाती है। इस राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट की शुरूआत 2013-14 में हुई थी। यहां 500 एकड़ से अधिक मानव निर्मित मियावाकी वन बनाया गया है। यहाँ तक हाथियों के लिए पंखे, शॉवर भी लगे हुए है ताकि उन्हें गर्मी न लगे। हाथियों के आवासों में विशेष रूप से रबर की फर्श बनाई हुई हैं। यहां हाथियों का भी आयुर्वेदिक तरीके से इलाज किया जाता है। यहां 300 से ज्यादा महावत 24 घंटे हाथियों पर नजर रखते हैं। जरूरत पड़ने पर यहां विदेशी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी लिया जाता है। तो अगर भी आपको कभी कोई हाथी घायल या बीमार लगे तो इस ट्रस्ट को जरूर बताए।
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