Amarnath Yatra 2025:अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। बाबा बर्फानी के दर्शन का सपना लिए लोग कठिन रास्ते तय करते हैं। यह यात्रा केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि आस्था और परंपरा से भी गहरी जुड़ी हुई है। अमरनाथ की गुफा में बनी बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करना हर श्रद्धालु के लिए एक अनोखा और आध्यात्मिक अनुभव होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहां एक मान्यता है जिसके मुताबिक बिना कबूतरों के दर्शन के यात्रा अधूरी मानी जाती है? चलिए जानते हैं इस रहस्य के पीछे की कहानी।
कबूतरों के दर्शन क्यों माने जाते हैं खास?
जब भी श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर पहुंचते हैं, उनका मुख्य उद्देश्य बाबा बर्फानी के दर्शन करना होता है। लेकिन यहाँ की एक प्राचीन मान्यता कहती है कि यदि आपने गुफा के पास कबूतरों को नहीं देखा तो आपकी यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। यह विश्वास श्रद्धालुओं के दिलों में गहरी जगह बना चुका है और हर कोई कबूतरों के दर्शन की कामना भी करता है।
भगवान शिव की लीला से जुड़ी है यह परंपरा
यह अनोखी परंपरा भगवान शिव की एक कहानी से जुड़ी हुई है। भृगु संहिता में इसका जिक्र मिलता है कि एक समय भगवान शिव तांडव कर रहे थे। तब उनके गणों ने “कुरु-कुरु” शब्द बोलकर तांडव में बाधा डाली। इस पर भगवान शिव ने गुस्से में उन्हें शाप दे दिया कि वे कबूतर बनकर इस जगह पर हमेशा के लिए निवास करेंगे और बार-बार वही शब्द दोहराते रहेंगे।
भगवान शिव ने यह भी वरदान दिया कि जो भी भक्त यहाँ आकर उनके और इन कबूतरों के दर्शन करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी और उसके सारे पाप धुल जाएंगे। इसलिए आज भी अमरनाथ यात्रा के दौरान कबूतरों के दर्शन को बेहद शुभ माना जाता है।
अमरनाथ यात्रा का महत्व और इस बार की तारीखें
अमरनाथ यात्रा न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है बल्कि एक आत्मिक शांति का जरिया भी है। मान्यता है कि इस यात्रा को करने से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है। इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, जिसमें श्रद्धालु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अगर आप भी इस बार बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो कबूतरों के दर्शन करना न भूलें। यह अनुभव आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देगा।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। news1india इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है। यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें।