साल की आखिरी अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना नहीं मिलेगा पुण्य फल, पितृ भी होंगे नाराज

Amavasya 2024 : आज 30 दिसंबर, को साल 2024 की आखिरी अमावस्या मनाई जा रही है, जिसे पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने के कारण दर्श अमावस्या कहा जाता है।

Amavasya 2024 : आज 30 दिसंबर, को साल 2024 की आखिरी अमावस्या मनाई जा रही है, जिसे पौष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने के कारण दर्श अमावस्या कहा जाता है। यदि अमावस्या सोमवार को पड़ती, तो इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान-दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। तीर्थ यात्रा पर न जा पाने वाले लोग घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं, जिससे पुण्य फल मिलता है।

पितृ तर्पण और दान का महत्व

अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पितृ दोष समाप्त होता है और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, धन, और कपड़े दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। अमावस्या पर दान से पितृ प्रसन्न होते हैं। हालांकि, कुछ कार्य अमावस्या के दिन नहीं करने चाहिए, क्योंकि वे पुण्य फलों की प्राप्ति में बाधा डाल सकते हैं और पितरों की नाराजगी का कारण बन सकते हैं।

अमावस्या के दिन न करें ये गलतियां

  1. मांस और मदिरा का सेवन: इस दिन मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है।
  2. प्याज और लहसुन का परहेज: तामसिक भोजन से बचें और सात्विक आहार ग्रहण करें।
  3. वाद-विवाद से बचें: किसी से झगड़ा न करें और न ही मन में बुरे विचार लाएं।
  4. बाल धोने से बचें: अमावस्या के दिन बाल धोना अशुभ माना जाता है।
  5. पशुओं को कष्ट न दें: कौवा, गाय, और कुत्ते को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचाएं।
  6. ब्रह्मचर्य का पालन: अमावस्या के दिन संयमित जीवनशैली अपनाएं।
  7. सफाई का ध्यान रखें: घर में गंदगी न फैलाएं और स्वच्छता बनाए रखें।

अमावस्या के दिन करें ये शुभ कार्य

  1. पितरों का तर्पण और पिंडदान: पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण करें।
  2. देवी-देवताओं की पूजा: श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा-अर्चना करें।
  3. पशुओं को भोजन दें: कौवे और कुत्ते को खाना खिलाना शुभ माना जाता है।
  4. सात्विक आहार ग्रहण करें: शुद्ध और सात्विक भोजन करें।
  5. दान करें: गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, धन, और वस्त्र दान करें।

इन नियमों का पालन कर आप साल की आखिरी अमावस्या पर पितरों की कृपा और शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।

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