हरिद्वार। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर पवित्र नदियों, जलकुंड में स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर दान-स्नान करने से समस्त पापों का क्षय हो जाता है। इस बार मौनी अमावस्या 21 जनवरी को है।
21 जनवरी को मनाई जाएगी मौनी अमावस्या
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक मौनी अमावस्या 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 16 मिनट से लेकर अगले दिन 22 जनवरी को रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के कारण मौनी अमावस्या 21 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह 4 बजे से लेकर सूर्यास्त तक स्नान और दान-धर्म से जुड़े कार्य करने का शुभ मुहूर्त है।बता दें कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम्बल, गुड़ और तिल का दान करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शनि का बन रहा शुभ संयोग
मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इससे तर्पण करने वालों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन मौन व्रत रखने से वाक सिद्धि की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार इस बार शनिवार के दिन मौनी अमावस्या के पड़ने से इस बार शनि का शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन शनि देव की विधिवत पूजा करने से कई शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी।