Badrinath Dham Yatra: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। 30 अप्रैल से शुरू हुई यह यात्रा 6 नवंबर तक चलेगी। चारों धामों के कपाट अब भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। इस दौरान हर दिन हजारों की संख्या में लोग रजिस्ट्रेशन कराकर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। अगर आप भी बद्रीनाथ जाने की सोच रहे हैं, तो यहां हम आपको इससे जुड़ी कुछ जरूरी और काम की बातें बता रहे हैं जो आपकी यात्रा को आसान बना सकती हैं।
रजिस्ट्रेशन है जरूरी
यात्रा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। आप चाहें तो इसे ऑनलाइन घर बैठे कर सकते हैं या फिर यात्रा मार्ग पर बने 60 से ज्यादा सेंटरों में जाकर ऑफलाइन भी करवा सकते हैं। बस कुछ जरूरी दस्तावेज साथ ले जाना न भूलें।
बद्रीनाथ पहुंचने के रास्ते
हवाई यात्रा: अगर आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं, तो देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट सबसे पास पड़ेगा। यहां से बद्रीनाथ की दूरी लगभग 314 किलोमीटर है। दिल्ली से यहां के लिए रोजाना फ्लाइट्स मिलती हैं।
रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो बद्रीनाथ से 289 किलोमीटर दूर है।
सड़क मार्ग: अगर आप रोड ट्रिप का प्लान कर रहे हैं, तो उत्तराखंड रोडवेज की बसें और निजी वोल्वो बसें दिल्ली, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से सीधी बद्रीनाथ के लिए चलती हैं।
हेलीकॉप्टर सेवा: बद्रीनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा 25 मई से शुरू हो रही है। इसकी बुकिंग IRCTC की वेबसाइट से की जा सकती है।
हरिद्वार से बद्रीनाथ तक की दूरी
हरिद्वार से ऋषिकेश, 25 किमी
ऋषिकेश से देवप्रयाग,72 किमी
देवप्रयाग से श्रीनगर, 36 किमी
श्रीनगर से रुद्रप्रयाग,32 किमी
रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग, 32 किमी
कर्णप्रयाग से चमोली, 41 किमी
चमोली से जोशीमठ, 65 किमी
जोशीमठ से बद्रीनाथ, 45 किमी
बद्रीनाथ के आसपास घूमने लायक जगहें
माणा गांव: बद्रीनाथ से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गांव भारत का पहला गांव कहलाता है। कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडव इसी रास्ते से स्वर्ग गए थे।
तप्त कुंड: यह बद्रीनाथ मंदिर के पास गर्म पानी का कुंड है। इसमें नहाने से कई तरह की शारीरिक बीमारियां दूर होती हैं।
नीलकंठ पर्वत: बद्रीनाथ मंदिर के पीछे स्थित यह पर्वत शिवजी से जुड़ा है। मान्यता है कि यहीं उन्होंने समुद्र मंथन का विष पिया था।
वसुधारा झरना: बद्रीनाथ से 6 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना 400 फीट की ऊंचाई से गिरता है। यहां तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी होती है।
चरण पादुका: यह जगह बद्रीनाथ से करीब 3 किलोमीटर दूर है। यहां एक चट्टान पर भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं। इसे देखने के लिए भी ट्रैकिंग करनी होती है।