Chhath Puja 2024 : छठ पूजा हिंदू धर्म का अत्यंत पावन और कठिन पर्व माना जाता है। यह पूजा चार दिनों तक चलती है और इसमें व्रत करने वाले व्यक्ति अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए सूर्य देव और छठी मैया की आराधना करते हैं। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य माना जाता है, ताकि व्रत की पवित्रता बनी रहे और मनोवांछित फल की प्राप्ति हो। आइए जानते हैं कि छठ पूजा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन्हें करने से बचना चाहिए।
Chhath Puja के दौरान क्या करें?
साफ-सफाई का विशेष ध्यान
छठ पूजा में शुद्धता और साफ-सफाई का अत्यधिक महत्व है। पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले स्थान और बर्तनों को अच्छे से साफ करें। घर और आस-पास के क्षेत्र को पूरी तरह से स्वच्छ रखें।
निर्जल व्रत का पालन
छठ पूजा का सबसे कठिन नियम निर्जल व्रत रखना है। व्रतधारी दो दिनों तक बिना अन्न (Chhath Puja) और जल ग्रहण किए व्रत रखते हैं। अगर कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
निर्मल जल का उपयोग
पूजा के दौरान अर्घ्य देने के लिए गंगाजल या साफ पानी का उपयोग करें। व्रत के सभी प्रसाद में शुद्ध और सात्विक सामग्रियों का ही प्रयोग करें।
पूजा में विशेष प्रसाद का भोग
छठ पूजा में ठेकुआ, खजूर, फल, गन्ना, अदरक का हरा पौधा और नारियल का भोग चढ़ाया जाता है। इसे साफ-सुथरे बर्तनों में बनाएं और पूजा के दौरान माता को अर्पित करें।
सूर्य को अर्घ्य देना
छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का महत्व है। संध्या अर्घ्य ढलते सूर्य को और उषा अर्घ्य उगते सूर्य को अर्पित करें। इसे करने के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण करें और पूजा विधि का पालन करें।
Chhath Puja के दौरान क्या न करें?
Chhath Puja पर व्रत के दौरान सोने से बचें
व्रत के दिन दिन में सोने से बचें, क्योंकि इसे पूजा की पवित्रता के खिलाफ माना जाता है। यदि बहुत थकान हो, तो कुछ देर विश्राम कर सकते हैं लेकिन पूरी नींद न लें।
सात्विक भोजन का पालन न छोड़ें
व्रतधारी को पूजा से पहले सिर्फ सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। (Chhath Puja) तामसिक भोजन, जैसे प्याज, लहसुन और मांसाहार से पूरी तरह दूर रहें। इसके अलावा व्रत से पहले तेज मसालों का भी परहेज करें।
अस्वच्छता न फैलाएं
घाटों पर जाकर पूजा करते समय अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखें। पूजा का कोई भी सामान या फूल आदि नदियों या तालाबों में नहीं फेंकें।
मन में बुरी भावनाओं का प्रवेश न होने दें
छठ पूजा में संयम और शांति बनाए रखना अनिवार्य है। मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार के क्रोध, जलन या नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
पूजा सामग्री से छेड़छाड़ न करें
पूजा की सामग्री को शुद्ध और अलग जगह पर रखें, ताकि उसे कोई छू न सके। इसे व्रतधारी ही तैयार करें और किसी बाहरी व्यक्ति से मदद न लें।
Chhath Puja पर धूम्रपान या नशा न करें
छठ पूजा में व्रतधारियों को किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए। धूम्रपान या शराब के सेवन को पूजा की पवित्रता के खिलाफ माना जाता है। छठ पूजा का यह पर्व न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह संयम और त्याग का भी उदाहरण है। यदि आप छठ पूजा का व्रत कर रहे हैं, तो इन नियमों का पूरी तरह पालन करें। इस पूजा में कठिनाईयां होने के बावजूद इसे पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है, जिससे छठी मैया और सूर्य देव प्रसन्न होकर व्रतधारी की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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