Famous Shiv Temples : सावन में भोलेनाथ के इन चमत्कारी मंदिरों के दर्शन मात्र से बदल जाएंगी किस्मत,जानिए कैसे वहां पहुंचे

सावन में भगवान शिव के पवित्र मंदिरों के दर्शन से जीवन में सुख, शांति और नई ऊर्जा मिलती है। इन मंदिरों तक पहुंचने के आसान रास्तों की जानकारी भक्तों के लिए है।

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Famous Shiv Temples to Visit During Sawan: सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म में इस महीने को भोलेनाथ की पूजा और उपासना के लिए सबसे खास माना जाता है। कहते हैं कि इस महीने भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे प्रमुख शिव मंदिरों के बारे में, जिनके दर्शन से जीवन में सुख, शांति और सफलता मिलती है।

अमरनाथ गुफा – जम्मू-कश्मीर

अमरनाथ गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है, जिसे देखने लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह तीर्थ यात्रा सावन के दौरान विशेष महत्व रखती है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग: श्रीनगर एयरपोर्ट से पहलगाम या बालटाल तक टैक्सी लें, फिर हेलिकॉप्टर या पैदल यात्रा करें।

रेल मार्ग: जम्मू तवी स्टेशन सबसे पास है।

सड़क मार्ग: जम्मू से पहलगाम या बालटाल होते हुए गुफा तक जा सकते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर – वाराणसी

वाराणसी स्थित यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सावन में यहां कांवड़िए गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग: वाराणसी एयरपोर्ट से मंदिर 25 किमी दूर है।

रेल मार्ग: वाराणसी जंक्शन और काशी स्टेशन पास हैं।

सड़क मार्ग: बस और टैक्सी सभी प्रमुख शहरों से मिलती हैं।

महाकालेश्वर मंदिर – उज्जैन

यह मंदिर अपने दक्षिणमुखी शिवलिंग और खास तौर पर “भस्म आरती” के लिए प्रसिद्ध है।

कैसे पहुंचे:

हवाई मार्ग: इंदौर एयरपोर्ट से 55 किमी दूर।

रेल मार्ग: उज्जैन स्टेशन से मंदिर सिर्फ 2 किमी दूर है।

बैद्यनाथ धाम – देवघर

यह स्थान झारखंड में स्थित है और यहां सावन में विशाल कांवड़ मेला लगता है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग: रांची और पटना सबसे नजदीकी एयरपोर्ट हैं।

रेल मार्ग: जसीडीह स्टेशन से मंदिर 8 किमी दूर है।

सड़क मार्ग: सभी बड़े शहरों से बसें चलती हैं।

सोमनाथ मंदिर – गुजरात

समुद्र किनारे बना यह मंदिर प्रथम ज्योतिर्लिंग है और अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग: दीव और राजकोट एयरपोर्ट से टैक्सी लें।

रेल मार्ग: वेरावल स्टेशन से 7 किमी दूर।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर – नासिक

यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे बसा है और इसका त्रिमुखी शिवलिंग प्रसिद्ध है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग: नासिक और मुंबई एयरपोर्ट से टैक्सी लें।

रेल मार्ग: नासिक रोड स्टेशन से 35 किमी।

सड़क मार्ग: मुंबई और पुणे से सीधा रास्ता।

नीलकंठ महादेव मंदिर – ऋषिकेश

समुद्र मंथन से जुड़ी कथा वाला यह मंदिर हिमालय की तलहटी में स्थित है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग: देहरादून एयरपोर्ट से 20 किमी।

रेल मार्ग: ऋषिकेश और हरिद्वार स्टेशन पास हैं।

सड़क मार्ग: दिल्ली और देहरादून से बसें उपलब्ध हैं।

अधूरा शिव मंदिर – देव बलौदा, छत्तीसगढ़

यह मंदिर अधूरा होने के बावजूद भी भक्तों की श्रद्धा का केंद्र है। सावन में यहां विशेष मेला लगता है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग: रायपुर एयरपोर्ट से 50 किमी दूर।

रेल मार्ग: दुर्ग और रायपुर से टैक्सी लें।

सड़क मार्ग: भिलाई और रायपुर से सीधा रास्ता।

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