Good Friday : ईसाई धर्म के प्रमुख और अत्यंत श्रद्धा से मनाए जाने वाले पर्वों में गुड फ्राइडे का विशेष स्थान है। यह दिन प्रभु यीशु मसीह के बलिदान और उनके द्वारा मानवता के लिए किए गए महान त्याग को समर्पित होता है। इसे ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे जैसे नामों से भी जाना जाता है। गुड फ्राइडे का इतिहास प्राचीन यरूशलेम की ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है, जो पहली शताब्दी में घटित हुई थीं।
क्या है इतिहास ?
इतिहासकारों और विभिन्न स्रोतों के अनुसार, यीशु मसीह (Good Friday) का जन्म बेथलहम नामक स्थान पर हुआ था। वह उस समय समाज में फैली बुराइयों और अन्याय से अत्यंत दुखी थे और उन्होंने इसे समाप्त करने का संकल्प लिया। उन्होंने लोगों को प्रेम, क्षमा और करुणा के रास्ते पर चलने की शिक्षा दी। हालांकि, उनके विचार तत्कालीन शासकों और धार्मिक नेताओं को रास नहीं आए। उनके विरोध में षड्यंत्र रचे गए, उन पर झूठे आरोप लगाए गए और अंततः 30 ईस्वी में उन्हें गिरफ्तार कर सूली पर चढ़ा दिया गया। यह घटना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि मानवीय मूल्यों की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
माना जाता है श्रद्धा और शांति का दिन
गुड फ्राइडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशु की पीड़ा और कुर्बानी को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं। इस दिन विशेष प्रार्थनाएं, भजन और उपदेशों के माध्यम से प्रभु को स्मरण किया जाता है। चर्चों में विशेष आराधना आयोजित होती है जिसमें यीशु के अंतिम क्षणों का स्मरण कर उनके जीवन और शिक्षाओं को आत्मसात करने की प्रेरणा दी जाती है।
यह भी पढ़ें : 7 दिन में 5 बार टूटा सोने का रिकॉर्ड! अक्षय तृतीया पर क्या बोले एक्सपर्ट…
लोग काले वस्त्र पहनकर शोक प्रकट करते हैं, उपवास रखते हैं और मांसाहार से परहेज़ करते हैं। यह दिन आत्मचिंतन, पश्चाताप और ईश्वरीय प्रेम में विश्वास को और दृढ़ करने का अवसर होता है। प्रभु यीशु के बताए मार्ग पर चलने की शपथ भी इस दिन ली जाती है। इस वर्ष गुड फ्राइडे 18 अप्रैल को मनाया जाएगा, और यह दिन हमें एक बार फिर से त्याग, प्रेम और क्षमा के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा देगा।