Impact of Saturn combustion 2025 शनि ग्रह, जिसे न्याय का देवता माना जाता है, 35 दिनों के लिए अस्त हो रहा है। शनि ग्रह 28 फरवरी 2025 से 9 अप्रैल 2025 तक अस्त रहेंगे। इस अवधि में, शनि का प्रभाव सभी 12 राशियों पर विभिन्न रूपों में दिखाई देगा। कुछ राशियों के लिए यह समय शुभ फल लाएगा, जबकि कुछ को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि का प्रभाव न केवल मनुष्यों पर, बल्कि प्रकृति, पर्यावरण, राजनीति और स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। वर्तमान में, शनि कुंभ राशि में स्थित है।
शनि अस्त का राशियों पर प्रभाव
मेष शनि के 11वें भाव में अस्त होने से धन संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। आर्थिक कार्यों में रुकावटें आ सकती हैं, लाभ की अपेक्षा हानि अधिक हो सकती है, और खर्चों में वृद्धि हो सकती है। प्रियजनों से वियोग या मित्रों से मनमुटाव संभव है।
वृषभ शनि के 10वें भाव में अस्त होने से करियर में चुनौतियाँ आ सकती हैं। नौकरी या व्यवसाय में कठिनाइयाँ, कार्यों में बाधाएँ, और पिता से संबंधित चिंताएँ हो सकती हैं।
मिथुन शनि के 9वें भाव में अस्त होने से भाग्य का साथ कम मिल सकता है। कार्यों में रुकावटें, आर्थिक तंगी, परिवार में विवाद, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार संभव है।
कर्क शनि के 8वें भाव में अस्त होने से स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं। पुराने रोग उभर सकते हैं, संपत्ति संबंधी मामलों में कठिनाइयाँ, और दूसरों से सहायता की आवश्यकता हो सकती है।
सिंह शनि के 7वें भाव में अस्त होने से वैवाहिक जीवन में तनाव, साझेदारी में समस्याएँ, और कानूनी मामलों में सावधानी की आवश्यकता हो सकती है।
कन्या शनि के 6वें भाव में अस्त होने से शत्रुओं पर विजय, ऋण से मुक्ति, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी मामूली समस्याएँ हो सकती हैं।
तुला शनि के 5वें भाव में अस्त होने से प्रेम संबंधों में तनाव, संतान से संबंधित चिंताएँ, और निवेश में सावधानी की आवश्यकता हो सकती है।
वृश्चिक शनि के 4वें भाव में अस्त होने से पारिवारिक जीवन में तनाव, माता के स्वास्थ्य की चिंता, और संपत्ति संबंधी मामलों में रुकावटें आ सकती हैं।
धनु शनि के 3वें भाव में अस्त होने से साहस में कमी, भाई-बहनों से मतभेद, लेकिन छोटी यात्राओं में लाभ संभव है।
मकर शनि के 2वें भाव में अस्त होने से आर्थिक मामलों में सावधानी, परिवार में विवाद, और वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है।
कुंभ शनि के 1वें भाव में अस्त होने से स्वास्थ्य में गिरावट, आत्मविश्वास में कमी, और महत्वपूर्ण निर्णयों में विलंब हो सकता है।
मीन शनि के 12वें भाव में अस्त होने से खर्चों में वृद्धि, विदेश यात्रा में बाधा, और मानसिक तनाव संभव है।
शनि अस्त के दौरान सावधानियाँ
शनि के अस्त होने की अवधि में सभी राशियों के जातकों को अपने स्वास्थ्य, आर्थिक मामलों, और पारिवारिक संबंधों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस समय में धैर्य, संयम, और सतर्कता आवश्यक है। नियमित रूप से शनि मंत्रों का जाप, दान, और जरूरतमंदों की सहायता करने से नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
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