Facts about sindoor : सिंदूर सिर्फ सुहाग की निशानी नहीं, जानिए इसके पीछे छिपे चौंकाने वाले फ़ायदे और वैज्ञानिक कारण

सिंदूर सिर्फ शादीशुदा महिला की पहचान नहीं, बल्कि इसके पीछे छिपे हैं कई स्वास्थ्य लाभ। यह मानसिक तनाव कम करता है, ऊर्जा बढ़ाता है और याददाश्त बेहतर बनाता है।

Interesting Facts About Sindoor इन दिनों ‘सिंदूर’ शब्द सुर्खियों में है। हाल ही में भारत द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जिससे यह शब्द चर्चा का विषय बन गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी भारतीय परंपरा में सिंदूर को सिर्फ सजने-संवरने की चीज़ नहीं माना गया, बल्कि इसके पीछे कई रोचक और सेहत से जुड़े फायदे भी छुपे हैं। चलिए जानते हैं सिंदूर से जुड़ी खास बातें।

क्यों होती है सिंदूर की इतनी अहमियत?

भारतीय समाज में सिंदूर को शादीशुदा महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं इसे अपनी मांग में सजाकर न सिर्फ अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं, बल्कि यह उनकी सुंदरता और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह सौभाग्य, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

सेहत से जुड़ी खास बातें

एनर्जी बढ़ाने वाला बिंदु: माथे के जिस हिस्से में सिंदूर लगाया जाता है, वहां से एक नस गुजरती है जो पूरे मस्तिष्क से जुड़ी होती है। यहां सिंदूर लगाने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक सतर्कता बढ़ती है।

तनाव करता है कम: सिर के जिस हिस्से में सिंदूर लगाया जाता है, उसे ‘ब्रह्मरंध्र’ कहा जाता है। यह दिमाग की एक खास ग्रंथि होती है। यहां सिंदूर लगाने से तनाव कम होता है और मन शांत रहता है।

नींद और याददाश्त में फायदेमंद: अगर किसी को नींद न आने की समस्या या भूलने की आदत हो, तो सिंदूर लगाने से इन समस्याओं में आराम मिल सकता है। यह सिर दर्द और मानसिक बेचैनी को भी कम करता है।

ब्लड प्रेशर को रखता है संतुलित: सिंदूर मस्तिष्क को सक्रिय रखता है और हाई या लो ब्लड प्रेशर को संतुलन में बनाए रखने में मदद करता है।

चेहरे पर लाता है निखार: सिंदूर लगाने से चेहरे की झुर्रियां कम होती हैं और त्वचा में प्राकृतिक चमक बनी रहती है।

कैसे बनता है असली सिंदूर?

असली सिंदूर ‘कुमकुम ट्री’ के फलों से तैयार किया जाता है। यह पेड़ खास किस्म का होता है जिसके फल गुच्छों में आते हैं। शुरुआत में ये फल हरे रंग के होते हैं, लेकिन पकने पर लाल हो जाते हैं। इन फलों के अंदर छोटे-छोटे दाने होते हैं। जब इन्हें पीसकर पाउडर बनाया जाता है, तब शुद्ध और प्राकृतिक सिंदूर तैयार होता है।

Disclaimer यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी उत्पाद का इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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