Ashtami and Navami Kanya Pujan Muhurat: : नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान देशभर में कन्या पूजन का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। मां दुर्गा के नौ रूपों का सम्मान करते हुए, भक्तगण 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को देवी के रूप में पूजते हैं। इस अनुष्ठान में कन्याओं के चरण धोकर, तिलक लगाकर, उन्हें भोजन कराया जाता है, जिसमें हलवा, पूरी और चने प्रमुख होते हैं। इसे विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है। आइए जानते हैं, कन्या पूजन (Kanya Pujan) कराने का सही तरीका…
Kanya Pujan करने का तरीका
कन्या पूजन का चयन सही तरीके से करें. बताया जाता है, कि आमतौर पर 2 से 10 वर्ष की कन्याओं का पूजन किया जाता है। कोशिश करें कि कन्याएं शुद्ध और अन्न से वंचित न हों।
सामग्री की तैयारी
– पूजन के लिए कुछ आवश्यक सामग्री जुटाएं
– साबुत चना (चना दाल)
– हलवा (सूजी का)
– नारियल
– फल (जैसे केले, सेब)
– मिठाई
– फूल
– एक ताम्बूल (पान, सुपारी, इलायची)
– लाल कपड़ा या चादर
कन्याओं का स्वागत
जब कन्याएं घर आएं तो उनका स्वागत अच्छे से करें। उनके पैर धोकर उन्हें आसन पर बिठाएं। कन्याओं के चरणों में जल छिड़कें और उन्हें प्रणाम करें। उनके सिर पर कुमकुम लगाएं और उन्हें लाल धागा बांधें।
कन्याओं को भोग
देवी दुर्गा का ध्यान करते हुए कन्याओं के समक्ष भोग अर्पित करें। हलवे और चने का भोग बनाएं और कन्याओं को परोसें। कन्याओं की पूजा करते समय देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें। उनके लिए आरती करें और फिर भोग का वितरण करें।
Kanya Pujan करते हुए उन्हें उपहार दें
पूजा के बाद, कन्याओं को उपहार दें। जैसे कपड़े, मिठाई, पैसे आदि। इससे कन्याओं को आशीर्वाद और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।कन्या पूजन में सादगी और भक्ति का विशेष ध्यान रखें। भावनाओं से की गई पूजा अधिक फलदायी होती है।
कन्या पूजन केवल धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि समाज में कन्याओं के प्रति सम्मान और उनकी शक्ति का प्रतीक भी है। इसे सही तरीके से करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. news1india.in इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है. यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें.