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Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि में अष्टमी-नवमी पर

Navratri 2022: आज महानवमी पर इस शुभ मुहूर्त में करें कन्या पूजन, जानिए विधि और इसका महत्व

Shardiya Navratri 2022: देशभर में दुर्गा पूजा के अष्टमी-नवमी पर होने वाली कन्या पूजा को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. मां दुर्गा की मूर्तियां भी अपने पूरे स्वरूप में आ चुकी हैं. शारदीय नवरात्रि के पवित्र अवसर पर दुर्गा पूजा उत्सव मनाया जाता है. हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरू होती है.

दरअसल नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है और विजय दशमी यानी दशहरे के दिन उन्हें धूमधाम से विदा किया जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि (आज) 26 सितंबर 2022 (सोमवार) से आरंभ हो गए हैं. शारदीय नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व बताया जाता गया है. इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है.

कई जगहों पर लोग अष्टमी तिथि को ही कन्या पूजन करते हैं. इस बार महा अष्टमी 3 अक्टूबर सोमवार को पड़ रही है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 2 अक्टूबर रविवार को सायं 06.47 से अगले दिन सोमवार 03 अक्टूबर को सायं 04.37 बजे तक रहेगी. जबकि उदय तिथि के कारण अष्टमी का व्रत 3 अक्टूबर को ही रखा जाएगा.

जो लोग अष्टमी तिथि पर कन्या की पूजा नहीं करते हैं वे नवमी पर इस परंपरा का पालन करते हैं. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस बार अश्विन शुक्ल की नवमी तिथि 03 अक्टूबर सोमवार को सायं 04.37 बजे से मंगलवार, 04 अक्टूबर को दोपहर 02.20 बजे तक रहेगी. उदिया तिथि के कारण नवमी का पूजन 04 अक्टूबर को ही होगा.

जानिए कन्या पूजन की विधि

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्याओं को अपने घर आमंत्रित करें. गृह प्रवेश पर कन्याओं का स्वागत करें और सभी नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं. कन्याओं को स्वच्छ जगह बिठा कर, सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से उनके पैर स्वोच्छभ पानी से धोएं. फिर कन्याओं के मस्तक पर अक्षत, पुष्प या कुमकुम लगाएं, माता भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को उनकी इच्छानुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें.

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