Pitru Paksha 2024 : पितृ पक्ष हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण समय होता है। यह 15 दिनों की अवधि पितरों को समर्पित होती है, जिसमें हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए विशेष पूजा और तर्पण करते हैं। इस दौरान पितरों की प्रसन्नता के लिए कई धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र और सूक्तों का पाठ किया जाता है, जिनमें से एक पौराणिक सूक्त का पाठ अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
Pitru Paksha में पौराणिक सूक्त का महत्त्व
इस सूक्त का पाठ करने से पितरों को शांति मिलती है, और वे प्रसन्न होकर परिवार पर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। साथ ही, यह पितृ दोष से मुक्ति पाने का एक सरल और प्रभावी उपाय माना जाता है। जिन घरों में पितृ दोष होता है, वहां कई समस्याएं जैसे आर्थिक तंगी, संतान संबंधी कष्ट, और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आती हैं। इस सूक्त का पाठ करने से न केवल इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है, बल्कि परिवार में समृद्धि और शांति का वास होता है।
Pitru Paksha में सूक्त पाठ का महत्व और लाभ
इस सूक्त का नियमित पाठ पितृ दोष को कम करने में सहायक होता है। मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर दोष से मुक्ति देते हैं।
आशीर्वाद की प्राप्ति
पितरों की प्रसन्नता से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। पितरों का आशीर्वाद संतान और परिवार के लिए अत्यंत कल्याणकारी होता है।
कर्म और पूर्वजों की संतुष्टि
पितृ पक्ष में इस सूक्त का पाठ करने से हम अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जो उन्हें संतुष्ट करता है और हमारे अच्छे कर्मों की प्राप्ति होती है।
सूक्त पाठ करने की विधि
पितृ पक्ष के दौरान सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पूर्वजों की तस्वीर या प्रतीक के सामने दीपक जलाएं और तर्पण के साथ सूक्त का पाठ करें। आप चाहे तो किसी योग्य पुरोहित से भी इस पाठ को करवा सकते हैं। यह सूक्त पाठ घर के सदस्यों को सामूहिक रूप से करना चाहिए ताकि सभी पर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
पाठ का सही समय
पितृ पक्ष में हर दिन सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद का समय सूक्त पाठ के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस समय किया गया पाठ विशेष फलदायक होता है।
पितृ पक्ष एक आध्यात्मिक अवसर है, जिसमें हम अपने पूर्वजों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। पौराणिक सूक्त का पाठ पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष से मुक्ति पाने का सबसे सरल और सटीक उपाय है। इस पवित्र समय में इसे जरूर अपनाएं और अपने परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बनाए रखें।
ये भी पढ़ें : Jitiya Vrat आज, शुभ मुहूर्त से लेकर पारण के समय तक, जानें पूजा और व्रत के सभी नियम