Offering Five Grains to Lord Shiva in Sawan:भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान माना जाता है। खासकर सावन का महीना उनकी पूजा-अर्चना के लिए सबसे पावन समय होता है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने जो भी भक्त सच्चे मन से भोलेनाथ की आराधना करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है। इस पवित्र महीने में कुछ खास चीजें भगवान शिव को अर्पित करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इन्हीं में से एक उपाय है ‘शिव मुट्ठी’ यानी पांच अलग-अलग अनाजों की एक-एक मुट्ठी भगवान शिव को चढ़ाना। माना जाता है कि इन अनाजों से शिव को प्रसन्न करने से संतान सुख, वैवाहिक जीवन की बाधाएं, आर्थिक समस्याएं और मानसिक परेशानियों से राहत मिलती है।
अक्षत (चावल) – सुख और समृद्धि का प्रतीक
सावन में भगवान शिव को साफ-सुथरे सफेद चावल यानी अक्षत अर्पित करना शुभ माना जाता है। यह शुक्र ग्रह से जुड़ा होता है और इसे चढ़ाने से घर में धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है।
काले तिल – नकारात्मकता से छुटकारा
काले तिल चढ़ाने से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह शरीर और मन के दोषों को खत्म करता है। ऐसा माना जाता है कि इससे जीवन में चल रही समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं।
गेहूं – वैवाहिक और संतान संबंधी परेशानियों का समाधान
अगर किसी के जीवन में विवाह या संतान से जुड़ी कोई समस्या है तो सावन के सोमवार को एक मुट्ठी गेहूं शिवलिंग पर चढ़ाना लाभकारी होता है। गेहूं सांसारिक सुखों को बढ़ाने वाला अनाज है, लेकिन ध्यान रखें कि गेहूं साफ और बिना कीट वाला हो।
हरी मूंग दाल – मानसिक शांति और रोगों से राहत
भगवान शिव को हरी मूंग की दाल चढ़ाने से मन शांत रहता है और रोगों से मुक्ति मिलती है। मूंग को बुद्ध ग्रह से जोड़ा जाता है, इसलिए यह मानसिक तनाव को कम कर जीवन में संतुलन लाती है।
उड़द की दाल – दुखों का अंत और धन की प्राप्ति
उड़द की दाल चढ़ाने से जीवन की आर्थिक कठिनाइयां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। मान्यता है कि इससे शनि दोष भी शांत होता है और हर प्रकार की अवरोध खत्म होते हैं।
शिव मुट्ठी चढ़ाने का सही तरीका
आप ये उपाय सावन के किसी भी दिन कर सकते हैं या सिर्फ सोमवार को भी कर सकते हैं। ध्यान रखें, इन पांचों अनाजों को एक साथ मिलाकर नहीं, बल्कि अलग-अलग एक-एक मुट्ठी करके शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं और अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और लोक परंपराओं पर आधारित है। news1indiaइसकी किसी भी वैज्ञानिक पुष्टि या प्रभाव की गारंटी नहीं देता है।