नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। देश की राजधानी दिल्ली के पांचवें पुश्ता पर सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में संत शामिल हुए। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज के (Sanatan Board) नेतृत्व में हो रही धर्म संसद में सनातन बोर्ड बनाए जाने की मांग की गई। सनातन धर्म संसद के अवसर पर पंडाल में हजारों की संख्या में सनातनी मौजूद रहे। पूरा पंडाल जय श्रीराम-जय श्रीराम के जयकारों से गूंजा।
तीसरी धर्म संसद का दिल्ली में आयोजन
दरअसल, संसद देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में पहली बार 25 फरवरी, 2024 को दिल्ली में धर्म संसद का आयोजन किया गया। इसके बाद दूसरी धर्म संसद का आयोजन 23 जून, 2024 को ऋषिकेश में हुआ। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने तीसरी धर्म संसद के आयोजन का ऐलान बहुत पहले कर दिया था। जिसके बाद दिल्ली में तैयारियां जोरों पर चली। शनिवार को तीसरी धर्म संसद की बैठक हुई। जिसमें देश के कोने-कोने से आए संत शामिल हुए।
धर्म संसद में ये संत हुए शामिल
दिल्ली के पांचवें पुश्ता पर हुई धर्म संसद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट, अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर महाराज, चक्रपाणि महाराज, अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य श्रीलोकेश मुनि, इंद्रेश उपाध्याय व अन्य संत मौजूद रहे। सभी संतों ने एक स्वर में सनातक बोर्ड बनाए जाने की मांग रखी। संतों ने इसको लेकर बयान भी दिए। संतों ने कहा कि वक्त की मांग है कि अब सनानत धर्म के लिए सनातन बोर्ड बने।
गुरुकुल की परंपरा वापस लौटेगी
इस मौके पर देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ मंदिरों में हाल ही में प्रसाद में पशुओं की चर्बी पाई गई। यह घटना दोबारा न हो, इसलिए हम सनातन धर्म बोर्ड चाहते हैं। अधिकतर मंदिर सरकार के अधीन है। सरकारी अधिकारियों को पूजा और विधि का कोई ज्ञान नहीं है, उन्हें मंदिर और धर्म का क, ख, ग, घ भी नहीं आता है, ऐसे में वे कैसे मंदिरों की देखरेख और रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड के माध्यम से गुरुकुल की परंपरा वापस लौटेगी।
कम्पनियों का बहिष्कार हो
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि, घटता हुआ हिन्दू भारत के लिए खतरा है, इसलिए हिंदू की संख्या बढ़नी चाहिए। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा की मुक्ति के लिए, तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने वालों को कड़ी सजा हो। इसके लिए बोर्ड के गठन की मांग करते हैं। हिन्दू बच्चियों के विवाह हिन्दू परिवारों में होना चाहिए, यह नियम बनना चाहिए। हलाल सर्टिफिकेट लेकर माल बेचने वाली कम्पनियों का बहिष्कार हो। सनातन बोर्ड बनने के लिए हमारी गौमाता सुरक्षित रहेंगी। लव जेहाद के मामले नहीं होंगे। सनातनी युवा रामायण और गीता से दक्ष होंगे।
‘जो हमें काटना चाहेंगे उसे देख लेंगे’
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने इस मौके परएक नारा भी दिया। उन्होंने कहा, बहुत सह लिया, अब न सहेंगे, हिंदू हक अब लेके रहेंगे। अब हम बटेंगे नहीं और कटेंगे नहीं और जो हमें काटना चाहेंगे उसे देख लेंगे। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, जिंदगी जब तक रहेगी फुर्सत न मिलेगी काम से, कुछ समय निकालिए, जिसमें प्रेम करिए राम से। जब देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज संबोधन कर रहे थे, तब पंडाल जय श्रीराम के उद्घोष से सराबोर था। बंटेंगे तो कटेंगे का नारा भी गूंजा। देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा अब हिन्दू एक होगा। न बंटेंगा और न ही अब कटेगा।
‘सभी हिंदुओं को एक होना चाहिए’
शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जब तक सबसे पहले सनातन धर्म, हिंदू धर्म के प्रति निष्ठा नहीं होगी, तब तक बोर्ड के गठन (Sanatan Board) की सफलता नहीं मिलेगी। यदि हम एक हो जाते हैं, संगठित हो जाते हैं, तो कोई भी हमें अलग नहीं कर सकता है और कोई आंख भी नहीं दिखा सकते हैं। सभी हिंदुओं को एक होना चाहिए। गोमाता की रक्षा, शिक्षा का भारतीयकरण होना चाहिए, यज्ञशाला, पाठशाला, गुरुकुल शुरू होने चाहिए। प्राचीन वैदिक परंपरा को संरक्षित करने होगा। धर्मी में धर्म होना चाहिए, जल में जलत्व होना चाहिए तभी प्यास बुझेगी उसी प्रकार हिंदू में पहले हिंदुत्व होना चाहिए, तभी सनातन धर्म की रक्षा होगी।
सनातन धर्म बोर्ड का गठन होगा
जैन मुनि श्री लोकेश मुनि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड (Sanatan Board) का गठन देश की आवश्यकता है। जैन समाज सनातनियों के साथ तन, मन, धन व हर रूप से खड़ा मिलेगा। अहिंसा को कमजोर न समझा जाए। हनुमानगढ़ी के संत राजू दास जी महाराज ने कहा, जब लोग संतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो तत्काल ही सनातन धर्म बोर्ड का गठन होगा। वर्तमान में हमारे संस्कारों और विचारों की सरकार है। देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में जल्द ही गठन का बोर्ड होने की मांग करते हैं।
राष्ट्र की रक्षा प्राथमिकता
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि, राष्ट्र बचाने की जिम्मेदारी अब लोगों की है। लोगों को जागना होगा। सनातनियों के लिए अपने सदस्यों की, स्वयं की, परिवार की, राष्ट्र की रक्षा प्राथमिकता है। शास्त्रों और शस्त्रों का साथ (Sanatan Board) बनाकर चलना होगा। गोविंद देव गिरी जी महाराज ने कहा, सनातनियों को दूसरे समुदाय के बजाय विपक्षी नेताओं से अधिक खतरा है। अबकी बार अपने मत का प्रयोग कर ऐसी सत्ता लाएं कि जो हमें काटे, हम उसे काटकर देश से बाहर कर दें। वैसे न हम किसी को काटते हैं न ही डांटते हैं, लेकिन हमें बांटने वाले और काटने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं।
इन नेताओं को भेजा आमंत्रण पत्र
प्रसिद्ध कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने सनानत बोर्ड (Sanatan Board) की पठकथा लिखी। देवकी नंदन ने इस धर्म संसद में शामिल होने के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, एनसीपी (एसपी) शरद पवार, बसपा प्रमुख मायावती, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, आप नेता अरविंद केजरीवाल को आमंत्रण पत्र दिया गया है। देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि देश के सभी संत समाज सभी पार्टियों के नेताओं से ये अनुरोध कर रहे हैं कि वो सनातन बोर्ड के निर्माण में हमारा सहयोग करें। ये संविधान के तहत है।
क्यों बनाना पड़ रहा सनातन बोर्ड
प्रसिद्ध कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने बताया कि हम ऐसा सनातन बोर्ड (Sanatan Board) चाहते हैं, जिसमें हम अपने मंदिर, मंदिर की व्यवस्था और पूजा स्थल और तीर्थों की सुरक्षा कर सकें। अगर सनातन धर्म बनेगा, तो उसमें सारे मंदिर और देवालय आएंगे। उस धन का सदुपयोग ये होगा कि हम लोग हॉस्पिटल, गौशाला बनाएंगे और अपने संस्कारी बच्चों को संस्कार देंगे। हम चाहते हैं कि मंदिरों की, पूजा की, वेद की सभी की व्यवस्था हमारे धर्माचार्यों और शंकराचार्यों के हाथ में होनी चाहिए। किसी ऑफिसर या नेता के हाथ में नहीं होनी चाहिए। वक्फ बोर्ड से हमारा सनातन बोर्ड जुदा होगा। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार हमारी मांग को पूरा करेगी।