Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि के पावन दिनों में लोग अपने घरों में माता रानी की स्थापना करते हैं और उनकी सेवा करते हैं. लोग मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा करते हैं. तो वहीं मां दुर्गा की मूर्तियां भी अपने पूरे स्वरूप में आ चुकी हैं. शारदीय नवरात्रि के पवित्र अवसर पर दुर्गा पूजा उत्सव मनाया जाता है. हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरू होती है.
दरअसल नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है और विजय दशमी यानी दशहरे के दिन उन्हें धूमधाम से विदा किया जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि (आज) 26 सितंबर 2022 (सोमवार) से शुरू हो गए हैं. शारदीय नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व बताया जाता गया है. इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान कुछ उपाय करना भी बहुत फलदायी माना जाता है. नवरात्रि में कुछ उपाय करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा होती है.
इन उपायों को करने से मिलता है मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद
- नवरात्रि के पहले दिन घर के मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का बंदनवार लगाना न भूलें.
- इससे घर में मौजूद नकारात्मकता दूर होती है.
- नवरात्रि के 9 दिनों तक मुख्य द्वार के दोनों ओर सिंदूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं.
- इसके बाद मुख्य द्वार पर ही हल्दी मिला हुआ जल अर्पित करें.
- नवरात्रि के पहले दिन घर के अंदर जाते समय मां दुर्गा के चरण चिह्न लगाएं.
- आप चाहें तो इसे लाल रंग से बना सकते हैं या फिर मां दुर्गा के चरणों के स्टिकर भी लगा सकते हैं.
- नवरात्रि के दौरान मां लक्ष्मी के मंदिर जाएं और लाल कपड़े में थोड़ा सा केसर, हल्दी और चावल बांधकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें.
- इसके बाद उसमें से छोड़ा सा चावल लेकर अपने घर को वापस आ जाएं.
- फिर इन चावलों को उस जगह पर छिड़क दें जहां आपका पैसा रहता है. इससे आर्थिक समस्या दूर रहती है.
- नवरात्रि में तांबे के बर्तन में 9 दिन पानी भरकर उसमें गुलाब के पत्ते और इत्र डालकर घर के मुख्य द्वार पर रखें.
- इससे घर में माता लक्ष्मी का प्रवेश होता है और नकारात्मकता भी दूर होती है.
- अगर घर में तुलसी का पौधा नहीं है तो नवरात्रि के किसी भी दिन घर की उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं.
- इससे घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है.
जानिए कन्या पूजन की विधि
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्याओं को अपने घर आमंत्रित करें. गृह प्रवेश पर कन्याओं का स्वागत करें और सभी नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं. कन्याओं को स्वच्छ जगह बिठा कर, सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से उनके पैर स्वोच्छभ पानी से धोएं. फिर कन्याओं के मस्तक पर अक्षत, पुष्प या कुमकुम लगाएं, माता भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को उनकी इच्छानुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें.
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