Vastu shastra : हमारे देश में घर, दुकानों और कई स्थानों पर नींबू-मिर्च टांगने का प्रचलन आम है। अक्सर लोग इसे नजर बचाने और सौभाग्य लाने के लिए अपनाते हैं। मान्यता है कि नींबू-मिर्च लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। यह प्रथा व्यापार में सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन इसके पीछे छिपे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं। आइए जानते हैं.
क्या है धार्मिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नींबू और हरी मिर्च में देवी लक्ष्मी और अलक्ष्मी का वास होता है। जहां देवी लक्ष्मी धन-समृद्धि की देवी मानी जाती हैं, वहीं अलक्ष्मी को दरिद्रता की प्रतीक माना गया है। जब नींबू-मिर्च का यह ‘ताबीज’ घर या दुकान के प्रवेश द्वार पर लटकाया जाता है, तो मान्यता है कि अलक्ष्मी इसे देखकर लौट जाती हैं, और घर में समृद्धि बनी रहती है।
Vastu shastra के अनुसार नींबू और मिर्च में मौजूद रसायन एक प्रकार के कीटनाशक की तरह काम करते हैं। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड और मिर्च में केप्साइसिन से निकलने वाले तेज गंध से कीट और मच्छर दूर रहते हैं। इस प्रकार, यह एक प्राकृतिक कीटनाशक की तरह कार्य करता है जो घर में स्वच्छता बनाए रखने में मदद करता है। हालांकि आधुनिक दौर में यह समझना जरूरी है कि कीटनाशकों की जगह अब इस परंपरा का धार्मिक दृष्टिकोण अधिक महत्व रखता है।
नींबू-मिर्च टांगने का सही तरीका
ऐसा माना जाता है कि नींबू-मिर्च को शनिवार के दिन खरीदकर रविवार को टांगना सबसे शुभ होता है। हर सप्ताह इसे बदलकर नया नींबू-मिर्च लगाने से बुरी नजर से बचाव की संभावना अधिक होती है। मान्यता है कि यह उपाय न केवल व्यवसाय में उन्नति लाता है, बल्कि घर के माहौल को भी सकारात्मक बनाए रखता है।
आज भी कायम है यह परंपरा
समय के साथ यह प्रथा एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गई है। लोग इसे अंधविश्वास से भी जोड़ते हैं, लेकिन जिनकी मान्यता इसमें है, वे इसे सौभाग्य से जोड़कर अपनाते हैं। नींबू-मिर्च टांगने के पीछे चाहे जो भी वजह हो, यह प्रथा आज भी हमारे समाज का एक अहम हिस्सा बनी हुई है।
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