दीवाली पर बड़ा फैसला: दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर 25 अक्टूबर तक रोक हटी

mini intro in 40 words दीवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने ग्रीन पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को 25 अक्टूबर तक के लिए हटा दिया है, जिससे त्यौहार के मौके पर आतिशबाजी की अनुमति मिल गई है।

Supreme Court Diwali, Delhi-NCR Green Firecrackers

Supreme Court Diwali, Delhi-NCR Green Firecrackers: दीवाली के त्यौहार से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर) के लाखों लोगों को एक बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को आगामी 25 अक्टूबर तक के लिए हटा दिया है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब प्रदूषण नियंत्रण और पारंपरिक उत्सव को लेकर बहस जारी थी। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण की बेंच ने यह महत्वपूर्ण आदेश पारित किया।

Supreme Court ने यह फैसला सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सुझावों पर विचार करने के बाद लिया। मेहता ने अपनी सिफारिश में त्योहार के मद्देनजर पटाखा उत्पादकों और आम जनता को यह राहत देने की बात कही थी, जिसका सुप्रीम कोर्ट ने समर्थन किया। इस निर्णय से पटाखा उद्योग, जो लंबे समय से प्रतिबंधों से जूझ रहा था, उसे फौरी राहत मिली है। साथ ही, यह दीवाली पर आतिशबाजी करने के इच्छुक लोगों के लिए भी एक बड़ी खुशी की खबर है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि यह छूट केवल ग्रीन पटाखों के लिए है, जो कम प्रदूषण फैलाते हैं। यह कदम पर्यावरण की चिंता और सांस्कृतिक परंपरा के बीच एक संतुलन स्थापित करने की दिशा में देखा जा रहा है।

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Supreme Court का यह अंतरिम आदेश दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में रौनक लौटाएगा। कई व्यापारियों ने पहले ही ग्रीन पटाखों का स्टॉक करना शुरू कर दिया था, लेकिन बिक्री पर अनिश्चितता बनी हुई थी। अब, वे 25 अक्टूबर तक इन पटाखों को कानूनी रूप से बेच सकेंगे।

ग्रीन पटाखे, जिन्हें वैज्ञानिक रूप से कम हानिकारक माना जाता है, पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम विषैले रसायन उत्सर्जित करते हैं। इन पटाखों का निर्माण केवल प्रमाणित निर्माताओं द्वारा ही किया जा सकता है। यह आदेश स्पष्ट रूप से बताता है कि पारंपरिक, अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर प्रतिबंध अभी भी लागू है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि केवल नेशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) से प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही बेचे और इस्तेमाल किए जाएं।

इस Supreme Court फैसले पर पर्यावरणविदों की मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ का मानना है कि यह प्रतिबंध में ढील देने का एक अच्छा प्रयास है, जबकि अन्य को डर है कि दीवाली के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ सकता है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दीवाली के उत्सव को ध्यान में रखते हुए एक तात्कालिक राहत है, लेकिन 25 अक्टूबर के बाद इस मुद्दे पर कोर्ट का अंतिम फैसला क्या होगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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