Heatwave in September: सितंबर का महीना आमतौर पर ठंडक की शुरुआत का संकेत देता है। इस समय तक मानसून विदा ले लेता है और मौसम सुहावना होने लगता है। लेकिन इस बार हालात बिल्कुल उलटे हैं। सितंबर के आखिरी दिनों में भी लोग चिलचिलाती धूप और असहनीय गर्मी से परेशान हैं।
अप्रैल-मई जैसा हाल
इस बार का सितंबर का मौसम अप्रैल और मई की याद दिला रहा है। दोपहर के वक्त सूरज की किरणें इतनी तेज हैं कि बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ऊपर से उमस भरी हवा ने लोगों की परेशानी दोगुनी कर दी है। पसीने की वजह से लोग शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी थकान महसूस कर रहे हैं।
यूपी में गुलाबी सर्दी की उम्मीद टली
उत्तर भारत में आमतौर पर सितंबर के अंत और अक्टूबर की शुरुआत में हल्की ठंडक महसूस होने लगती है। लेकिन उत्तर प्रदेश में इस बार ऐसा नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि गुलाबी सर्दी का अहसास अक्टूबर के बीच तक भी मुश्किल है। फिलहाल आंशिक बादल छाने पर थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है, लेकिन धूप और उमस का असर जारी रहेगा।
नवंबर से मिल सकती है राहत
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार असली ठंड नवंबर से ही शुरू होगी। इस समय आसमान साफ है और सुबह से ही धूप निकल रही है। आर्द्रता का स्तर भी ज्यादा है, जिसके कारण लोग चुभती गर्मी और उमस का सामना कर रहे हैं।
तापमान और आर्द्रता का हाल
रविवार को भी गर्मी और उमस का सिलसिला जारी रहा। अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 2.5 डिग्री ज्यादा है। वहीं न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री रहा, जो सामान्य से 3.8 डिग्री अधिक है। आर्द्रता का स्तर भी 90 प्रतिशत तक पहुंच गया, जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हुईं।
मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग ने साफ किया है कि फिलहाल लोगों को राहत मिलने की उम्मीद बहुत कम है। 6 अक्टूबर तक अधिकतम तापमान 35 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। बीच-बीच में बादल छा सकते हैं और हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है, लेकिन इससे तापमान पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
कुल मिलाकर, सितंबर के आखिर और अक्टूबर की शुरुआत में भी लोग भीषण धूप और उमस झेलने को मजबूर हैं। अब ठंडक का एहसास लोगों को नवंबर से ही मिल पाएगा।