Delhi Blast: शाहीन, परवेज और ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ की आतंक से साठगांठ; जांच की आंच अयोध्या तक

दिल्ली ब्लास्ट की जांच में डॉ. शाहीन शाहिद और उनके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। जांच का दायरा अब अयोध्या तक फैल गया है, जहां लखनऊ में शाहीन से मिले कुछ संदिग्धों के जाने के सबूत मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियां जैश-ए-मोहम्मद के इस 'डॉक्टर मॉड्यूल' के खतरनाक नेटवर्क को खंगाल रही हैं, जिसका संचालन सेशन नामक एनक्रिप्टेड ऐप के जरिए हो रहा था।

Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट की जांच अब एक बड़े आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है, जिसकी मुख्य कड़ी लखनऊ की पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शाहीन शाहिद और उनके भाई डॉ. परवेज अंसारी हैं। कभी मेडिकल जगत में सम्मानित नाम रहीं शाहीन पर अब जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ से जुड़कर लॉजिस्टिक और आर्थिक सहायता देने का संदेह है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि ब्लास्ट से करीब दो महीने पहले शाहीन लखनऊ आई थीं और संदिग्धों से मिली थीं, जिनमें से कुछ बाद में अयोध्या भी गए थे।

Delhi एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीमें अब अयोध्या में उनके ठिकाने, मुलाकातों और मकसद की बारीकी से जांच कर रही हैं। यह नेटवर्क लखनऊ से फरीदाबाद, सहारनपुर और कश्मीर तक फैला हुआ है, जिसका पर्दाफाश होने से सुरक्षा एजेंसियों में बड़ी हलचल मच गई है।

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अयोध्या कनेक्शन: राम मंदिर के पास संदिग्धों की मुलाकात

Delhi खुफिया एजेंसियों की जांच में शाहीन की सितंबर में लखनऊ यात्रा के दौरान कई संदिग्ध व्यक्तियों से मुलाकात की पुष्टि हुई है। ये संदिग्ध अलीगंज, चारबाग, लालबाग और सिविल अस्पताल के आसपास के इलाकों में देखे गए थे। सूत्र बताते हैं कि इन्हीं में से कुछ लोगों के बाद में अयोध्या जाने के ठोस सबूत मिले हैं। अब जांच का मुख्य फोकस अयोध्या में उनकी यात्रा के उद्देश्य पर है – क्या वे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा जांचने गए थे या किसी गुप्त मीटिंग का हिस्सा थे? सुरक्षा एजेंसियां उनके उस दौरान के फोन लोकेशन, ट्रैवल रिकॉर्ड और होटल बुकिंग की जानकारी खंगाल रही हैं।

जैश का ‘सेशन’ ऐप और तुर्की में मीटिंग

फरीदाबाद-सहारनपुर मॉड्यूल की जांच में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा ‘सेशन’ (Session) नामक एक उच्च-एनक्रिप्टेड मैसेंजर ऐप का उपयोग करने का बड़ा खुलासा हुआ है। इस ऐप में अकाउंट बनाने के लिए मोबाइल नंबर की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे चैट का डेटा सुरक्षित रहता है। गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल शकील ने पूछताछ में बताया कि उनका हैंडलर, जिसका छद्म नाम ‘अबू उकसा’ था, शुरू में तुर्की का वर्चुअल नंबर (+90) इस्तेमाल करता था और बाद में ‘सेशन’ ऐप पर आ गया। इतना ही नहीं, सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए साल 2022 में जैश के हैंडलरों से मिलने की जगह भी तुर्की को चुना गया था। मुजम्मिल और डॉ. उमर, ‘अबू उकसा’ समेत अन्य हैंडलरों से वहीं मिले थे।

महिला कमांडर तक का सफर और भाई का इस्तीफा

प्रयागराज से एमबीबीएस और एमडी कर चुकीं डॉ. शाहीन की जिंदगी 2015 में तलाक के बाद पूरी तरह बदल गई, जब वह अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉ. मुजम्मिल शकील के संपर्क में आईं। यहीं उनकी मुलाकात जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात के सदस्यों से हुई, जिसने उन्हें एक महिला कमांडर के रूप में तैयार किया। मेडिकल पेशे की आड़ में वह फंडिंग, कूरियर और ठिकानों की जानकारी जुटाने के लिए जम्मू-कश्मीर, Delhi-एनसीआर, हरियाणा और यूपी के बीच लगातार यात्राएं करती रहीं। इस बीच, शाहीन के भाई डॉ. परवेज अंसारी ने लखनऊ की एक निजी यूनिवर्सिटी से अचानक इस्तीफा दे दिया।

एजेंसियों को शक है कि उसे अपने करीब आती जांच की भनक लग गई थी, और वह देश छोड़कर भागने की फिराक में था। परवेज के मोबाइल और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच से कई एन्क्रिप्टेड चैट और विदेशी संपर्कों का पता चला है।

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