Shrikashi Vishwanath Dham: पहले ही साल में बाबा के भक्तों ने तोड़ दिये सारे रिकार्ड, ना सिर्फ पैसा बल्कि सोने-चांदी समेत 100 करोड़ से अधिक का चढ़ावा

वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को बने एक साल पूर हो गये हैं इसके साथ ही अब बाबा विश्वनाथ के नाम अब एक और रिकार्ड जुड़ गया है। दरअसल 13 दिसंबर को बाबा विश्वनाथ मंदिर के लोकर्पण की पहली वर्षगांठ है। जिसके चलते मोदी सरकार के कई मंत्री पिछले कुछ दिनों से काशी पहुंच रहे हैं और अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। काशी पूरी तरह से बाबा के रंगों में रंगी नजर आ रही है। काशी के सांसद पीएम मोदी की पहल से ही बाबा विश्वनाथ धाम की सूरत बदल गई जिसके बाद से यहां देश- विदेश से आने वाले भक्तों का तांता लगा हुआ है। यही कराण है कि बाबा विश्वनाथ में चढ़ावे से आने वाली रकम सारे रिकार्ड तोड़ रही है। चढ़ावे में ना सिर्फ पैसा और डॉलर आ रहा है बल्कि अब भक्तों से सोना, चांदी और अन्य धातुएं भी चढ़ावे के रूप में आ रही हैं। मंदिर प्रशासन के अनुमान के मुताबिक, चढ़ावे की कुल कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है.

शिव भक्तों ने सोना, चांदी से भरा बाबा का दरबार

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि धाम के उद्घाटन के बाद से अब तक श्रद्धालुओं द्वारा 50 करोड़ से अधिक नकद दान किया जा चुका है. जिसमें से 40 प्रतिशत राशि ऑनलाइन सुविधाओं का प्रयोग कर प्राप्त की जा चुकी है. श्रद्धालुओं ने 50 करोड़ से ज्यादा कीमत धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा) भी भेट की है. विश्वासियों द्वारा दिए गए सोने और तांबे का उपयोग करके गर्भगृह की बाहरी और भीतरी दीवारों को सोने से मढ़वाया गया है.

लोकार्पण के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आने श्रद्धालुओं की संख्या

महीना श्रद्धालुओं की संख्या

इतने सालों में निकल जाएगा निर्माण का खर्च

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजे पर करीब 900 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इससे आगे धाम में सुविधाओं का विस्तार होने से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होना तय है, जिससे शिव भक्तों का चढ़ावा भी बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि प्रसाद के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से अतिरिक्त आय होगी. कहा जा रहा है कि कॉरिडोर की लागत अगले 4 से 5 वर्षों में श्रद्धालुओं के प्रसाद और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से वसूल की जाएगी.

लोकार्पण के बाद बढ़ी हैं श्रद्धालुओं की सुविधा

मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि उद्घाटन के बाद मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसमें पेयजल व्यवस्था, छाया की व्यवस्था, चटाइयों सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ साफ-सफाई के लिए बने प्लान पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसके अलावा लॉकर, हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध व दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गयी है.

बाबा के धाम के कारण वाराणसी में बढ़े हैं पर्यटक

इसके साथ उन्होंने आगे बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम का नव्य भव्य स्वरूप होने के कारण वाराणसी में पर्यटकों व दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है. इसकी वजह से परिवहन, होटल, गेस्टहाउस, नाविकों, श्रमिकों, वस्त्र उद्योग, हेंडीक्राफ्ट व अन्य व्यवसाय से अर्थव्यवस्था भी रफ़्तार पकड़ रही है. दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि पहले एक साल में काशी में 1 करोड़ पर्यटक आते थे, अब एक महीने में ही इतने पर्यटक बनारस आ रहे हैं.

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