नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। आस्ट्रेलिया ने भारत को सिडनी टेस्ट में 6 विकेट से हराते हुए 10 साल के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कर कब्जा कर लिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने पहली पारी में 185 रन तो दूसरी पारी में सिर्फ 157 रन बनाए। जबकि आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 181 रन बनाए। जीत के लिए कंगारूओं को 162 रन का लक्ष्य मिला। जसप्रीत बुमराह के बिना मैदान में उतरी भारतीय टीम के बॉलर्स की बैटर्स ने जमकर धुनाई की और आखिर में सिडनी टेस्ट आस्ट्रेलिया के नाम रहा। भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से बाहर हो गया। साउथ अफ्रीका और आस्ट्रेलिया ने फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। सिडनी ग्राउंड में भारत को एक नहीं पूरे तीन जख्म मिले। इन जख्मों में कहां क्रिकेटर्स ने अहम रोल निभाया तो टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ता भी सवालों के घेरे में हैं।
पहली पारी में भारत ने बनाए 185 रन
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पांचवां टेस्ट मैच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया। सिडनी के बारे में कहा जाता है कि यहां स्पिनर्स को मदद मिलती है पर ऐसा हुआ नहीं। यहां दोनों टीमों को ग्रीन ट्रैक मिला। भारत ने प्लेइंन 11 में दो स्पिनरों को खिलाया, जो आखिर में हार की प्रमुख वजह बने। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने 185 रन बनाए। टीम के लिए ऋषभ पंत ने सबसे ज्यादा 40 रन बनाए। इसके अलावा रवींद्र जडेजा ने 26 रन, कप्तान जसप्रीत बुमराह ने 22 रन, शुभमन गिल 20 रन, विराट कोहली 17 रन और यशस्वी जायसवाल 10 रन बना सके। केएल राहुल चार रन, प्रसिद्ध कृष्णा तीन रन और मोहम्मद सिराज तीन रन बना सके। नीतीश रेड्डी खाता नहीं खोल सके। ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्कॉट बोलैंड ने चार विकेट झटके, जबकि मिचेल स्टार्क को तीन विकेट मिले।
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में बनाए 181 रन
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी दूसरे दिन 181 रन पर सिमट गई। उस्मान ख्वाजा दो रन बनाकर बुमराह का शिकार बने थे। इसके बाद बुमराह ने मार्नस लाबुशेन को विकेटकीपर पंत के हाथों कैच कराया। फिर सिराज का कहर देखने को मिला। उन्होंने पारी के 12वें ओवर में सैम कोंस्टास और ट्रेविस हेड को आउट किया। इसके बाद प्रसिद्ध कृष्णा ने स्टीव स्मिथ को राहुल के हाथों कैच कराया। प्रसिद्ध ने एलेक्स कैरी को क्लीन बोल्ड किया। इस बीच डेब्यूटांट ब्यू वेबस्टर ने अर्धशतक लगाया। नीतीश ने कप्तान पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क का विकेट लिया। प्रसिद्ध कृष्णा ने ब्यू वेबस्टर को यशस्वी के हाथों कैच कराया। सिराज ने बोलैंड (9) को क्लीन बोल्ड कर ऑस्ट्रेलियाई पारी 181 रन पर समेट दी। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने तीन-तीन विकेट लिए और नीतीश रेड्डी और बुमराह को दो-दो विकेट मिले।
157 रनों पर सिमटी दूसरी पारी
भारत की दूसरी पारी 157 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में भारतीय टीम की शुरुआत ठीक ठाक रही थी। यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने पहले विकेट के लिए 42 रन जोड़े थे। राहुल 13 रन बनाकर और यशस्वी 22 रन बनाकर बोलैंड का शिकार बने। शुभमन गिल 13 रन बनाकर वेबस्टार का शिकार बने। विराट कोहली एक बार फिर ऑफ स्टंप से बाहर की गेंद को छूने के प्रयास में स्लिप में कैच आउट हुए। वह छह रन बना सके। पंत ने 33 गेंद में छह चौके और चार छक्के की मदद से 61 रन की साहसिक पारी खेली। वहीं, नीतीश रेड्डी लगातार तीसरी पारी में फेल रहे। वह चार रन बना सके। रविवार को भारत ने छह विकेट पर 141 रन से आगे खेलना शुरू किया और 16 रन बनाने में बाकी चार विकेट गंवा दिए। बोलैंड ने कुल छह विकेट झटके। वहीं, कमिंस को तीन विकेट मिले। ब्यू वेबस्टर को एक विकेट मिला।
162 रन बनाकर आस्ट्रेलिया ने दर्ज की जीत
भारत की दूसरी पारी 157 रन पर सिमट गई थी और कुल 161 रन की बढ़त हासिल की थी। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने सैम कोंस्टास (22), उस्मान ख्वाजा (41), मार्नस लाबुशेन (6) और स्टीव स्मिथ (4) के विकेट गंवाए। इसके बाद ट्रेविस हेड (34’) और ब्यू वेबस्टर (39’) ने 46 रन की नाबाद साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई। भारत दूसरी पारी में कप्तान जसप्रीत बुमराह के बिना उतरा था। बुमराह पीठ में जकड़न की समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी जगह विराट कोहली ने कप्तानी की। भारत की ओर से प्रसिद्ध कृष्णा ने तीन विकेट लिए, जबकि सिराज को एक विकेट मिला। मैच के तीसरे दिन टीम इंडिया के चार बल्लेबाज ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। जबकि सिर्फ दो तेज गेंदबाजों के दम पर टीम इंडिया ने जीत के लिए पूरी ताकत झोक दी। अगर बुमराह ठीक होते तो शाएद मैच टीम इंडिया जीत सकती है। सिडनी में टीम इंडिया को चौथे तेज गेंदबाज की कमी खली।
10 साल से टीम इंडिया का रहा दबदबा
टीम इंडिया ने पर्थ में 295 रन की जीत के साथ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 की शुरुआत की थी। हालांकि, इसके बाद से टीम का प्रदर्शन गिरा। एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट में टीम इंडिया को 10 विकेट से शिकस्त मिली। वहीं, ब्रिस्बेन टेस्ट ड्रॉ रहा। यह मैच बारिश से बाधित रहा था। मेलबर्न में चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 184 रन से जीत हासिल की थी। अब सिडनी टेस्ट छह विकेट से जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से अपने नाम की। बोलैंड को सिडनी टेस्ट के बाद प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, जबकि जसप्रीत बुमराह प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे। उन्होंने इस सीरीज में सबसे ज्यादा 30 विकेट लिए। भारत ने पिछली बार यह सीरीज 2014-15 में गंवाई थी। तब ऑस्ट्रेलिया ने अपने घर में 2-0 से जीत हासिल की थी।
बल्लेबाजी रही फ्लॉप
पूरे सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी फ्लॉप रही है। सिर्फ यशस्वी जायसवाल ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने सीरीज में अपनी काबिलियत के साथ न्याय किया। इसको अलावा कोई भी दूसरा बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई पिच पर जमकर नहीं खेल पाया। हालांकि शुरुआत में केएल राहुल ने अपनी बल्लेबाजी से उम्मीद जगाई थी लेकिन टेस्ट सीरीज के अंत तक आते-आते उनके बल्ले ने भी जंग पकड़ लिया। जायसवाल ने 391 रन बनाए। केएल राहुल ने (276), ऋषभ पंत ने (255), कोहली ने (190), जडेजा ने (135), शुभमन गिल ने (93) रन औऱ रोहित शर्मा ने 31 रन बनाए। बल्लेबाजों के घटिया परफॉर्मेंस ने भारत से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी छीन लिया। टीम इंडिया के अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली लगातार 8वीं बार बाहर की जाती हुई गेंदों पर आउट हुए। रोहित का खराब फार्म भी हार की प्रमुख वजह बना। कह सकते हैं कि टीम इंडिया के बैटर्स पूरी सीरीज में फ्लाप रहे।
बुमराह के चलते फ्लॉप रही गेंदबाजी
सिडनी टेस्ट में भारत की हार का एक बड़ा कारण जसप्रीत बुमराह का चोटिल होना भी रहा। बुमराह ने इस सीरीज में कमाल की गेंदबाजी की और 32 विकेट लेने में सफल रहे। इस पूरे सीरीज में बुमराह ने 908 गेंदें फेंकी जिसपर कुल 418 रन बने। बुमराह ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में कुल 151.2 ओवर की गेंदबाजी की। इसके बाद दूसरे नंबर पर सिराज रहे, जिन्होंने इस सीरीज में 157.1 ओवर की गेंदबाजी की। भले ही सिराज को 20 विकेट मिले लेकिन जिस तरह से दूसरे गेंदबाजों का साथ बुमराह मिलना चाहिए, वो नहीं मिल सका। ऐसे में टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि क्या भारतीय टीम के पास ऐसा गेंदबाज नहीं हैं जो टेस्ट मैचों में असरदार साबित हो सके। क्या मोहम्मद शमी के न रहने से भी भारत को नुकसान हुआ है। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए चयनकर्ताओं ने तीन स्पिनर्स को टीम में चुना। आर अश्विन के रिटायरमेंट के बाद भी तेज गेंदबाज के बजाए टीम में स्पिनर को रखा गया।
कोचिंग स्टाप पर उठ रहे सवाल
भारत की हार का ठीकरा कोच गौतम गंभीर पर भी फोड़ा जाएगा। एक ओर जहां आपके पास प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाज थे, लेकिन उनको ज्यादा मौके नहीं मिले। आखिरी टेस्ट मैच में प्रसिद्ध कृष्णा को शामिल किया गया और उन्होंने अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया। वहीं, आखिरी मैच से कप्तानी में फेरबदल करना और फिर बल्लेबाजी क्रम में बदलान को लेकर बनी रणनीति पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। गंभीर के साथ-साथ गेंदबाजी कोच मॉर्नी मॉर्केल और अभिषेक नायर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या टीम इंडिया के पास अनुभवहीन कोचिंग स्टाफ का होना भी एक बड़ा कारण हो सकता है। गौतम गंभीर के कहने पर अभिषेक नायर को बतौर बल्लेबाजी कोच के तौर पर रखा गया। जब से वह टीम से जुड़े तब से टीम इंडिया के बल्लेबाजों का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए थे। मॉर्नी मॉर्केल भी तेज गेंदबाजी को धार देने में पूरी तरह से बिफल रहे।
10 में से 6 टेस्ट हारी टीम इंडिया
कोहली और रोहित पर कड़े फैसले का इंतजार है। जबकि बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को इस बात पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए कि कोच गौतम गंभीर सभी प्रारूपों में जिम्मेदारी संभालने के लिए सही व्यक्ति हैं या नहीं। गंभीर के नेतृत्व में भारत ने इस सत्र में 10 में से छह टेस्ट गंवाए हैं। इसके अलावा टीम को श्रीलंका में एकदिवसीय श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा। अगर कोहली और रोहित को जिम्मेदार ठहराया जाता है तो गंभीर को सिर्फ इसलिए नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है। मुख्य कोच का जिद्दी रवैया सभी को पता है और इससे ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ी उनके साथ बहुत सहज नहीं हो पा रहे हैं। ब्रिसबेन के बाद रविचंद्रन अश्विन का संन्यास और रोहित का खुद को बाहर करने का फैसला अचानक हुआ। किसी खिलाड़ी की रणनीति के साथ छेड़छाड़ करना प्रबंधन का सबसे अच्छा तरीका नहीं है। जैसा कि पंत ने कई बार बहुत सावधान रहकर दिखाया जिससे उनकी स्वाभाविक लय बाधित हुई।