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क्रिकेटर अंशुल गुप्ता के बारे में जानिए करियर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

क्रिकेटर अंशुल गुप्ता के बारे में जानिए करियर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

आज हम आप को ऐसे क्रिकेटर के बारे मे बताने जा रहे है जिसने भारतीय टीम के महान क्रिकेटर रन मशीन विराट कोहली के साथ मिलकर विरोधी टीम के छक्के छुड़ा दिए। वही टीम इंडिया के क्रिकेटर ईशांत शर्मा जैसे शानदार गेंदबाज भी उनके सामने गेंदबाजी करने से डरते थे।

बता दें कि अंशुल गुप्ता दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद मे रहते है। जिनकी उम्र 32 साल है। अंशुल का जन्म 20 दिसंबर 1989 में हआ था। इनके पिता जी हरीश चंद्र गुप्ता पेशे से वकील है। आपको बता दे कि इनके क्रिकेटर बनने का सपना सबसे पहले इनकी मां ने समझा और उसके बाद 1997 से उनके करियर की शरुआत हुई स्कूल से घर और घर से स्कूल जिसमे उनका सबसे साथ उनकी मां ने दिया।

अंशुल ट्रेन से रोज अभ्यास करने स्टेडियम जाते थे

अशुल का मां बताती है कि अशुल जब छोटा था तो वह दिल्ली के नेशलन स्टेडियम में अभ्यास करने के लिए जाया करता था। उस वक्त ट्रांसपोर्ट के लिए ज्यादा साधन नही हुआ करते थे। जिसको चलते अंशुल ट्रेन से रोज अभ्यास करने स्टेडियम जाते थे। और इसका असर भी बहुत जल्द देखने को मिला और उनका अंडर-15 दिल्ली के लिए चयन हुआ।वहीं  लगातार दिल्ली की टीम मे जगह बनाए रखने के बाद अंडर-17 मे उन्होने रन मशीन विराट कोहली और ईशांत शर्मा के साथ क्रिकेट खेला।

2004 से लेकर 2010 तक अंशुल ने दिल्ली के लिए क्रिकेट खेला

आपको बता दे कि अशुल विराट कहते थे कि तमु बहुत शानदार खेलते हो तुम एक दिन टीम इंडिया के लिए जरुर खेलोगे इस पर विराट कहते है, कि हम दोनो ही भारतीय टीम के लिए खेलेंगे। इसी दौरान अशुल की मुलाकात ईशांत शर्मा से हुई क्या आप जानते है कि श़ॉर्ट बॉल करने से  डरते थे। साथ ही अपने साथ खले रहे खिलाड़ियों को बता दे कि अशुल को गलती से भी शॉर्ट गेंद न डाले वह पुल और कट अच्छा खेलते है। बता दे कि 2004 से लेकर 2010 तक अंशुल ने दिल्ली के लिए क्रिकेट खेला। जिसमे अंडर-22 तक वह पहुंचे।

2016-17 में बतौर कप्तान खेले

अंडर-22 में जब वह खेलते थे उनको नेवी कोच रघुवीर झाला ने बैटिंग करते हुए देखा तो तुंरत ही उनको सर्विसेस की तरफ से खेलने के आमंत्रित किया। जिसके साथ ही उनको नेवी मे नौकरी करने का अवसर मिला घरवालो की रंजामदी के बाद अंशुल ने 2012 से सर्विसेस के तरफ से रणजी की शुरुआत की थी। जिसमे वो 2016-17 में बतौर कप्तान खेले है। आपको बता दे कि उन्होने ने दस साल मे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग 45 मैच खेले जिनमें 2246 रन 38.8 के एवरेज और 43.3 के स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाए है। अंशुल ने विजय हजारे ट्रॉफी में भी 2 साल खेले है जिसमे 10 मैच में 174 रन ही बना सके।

देश फौजी है एक फौजी कभी भी बिक नही सकता

आपको बता दे कि जब आईपीएल की शरुआत हुई तो खिलाड़ियो की बोली लगना शुरु हुई है। जिसमे बीसीसीआई और सर्विसेज कै मैनजमेंट आमने सामने आ गया जंहा एक तरफ आईपीएल मे खिलाड़ियो की बोली लग रही थी तो वही दूसरी तरफ सर्विसेज की तरफ से यह कहना था कि यह खिलाड़ी हमारे देश फौजी है एक फौजी कभी भी बिक नही सकता है लगभग 5 साल तक सर्विसेस ने भी टीम मे आईपीएल से बैन रखा था। आपको बता दे कि 2017 के बाद जब आईपीएल से बैन हटाया गया तो उसके बाद खिलाड़ियो में कही न कहीं एक उम्मीद जगी थी कि उनको आईपीएल में खेलने का मौका मिलेगा लेकिन बीसीआई ने सर्विसेस के इस बयान का मना भी नही रखा था। इसलिए तब से अभी तक शायद ही किसी खिलाड़ी को सर्विसेज से आईपीएल मे खेलने का मौका मिला हो।

आपको बता दे कि अंशुल सर्विसेज मे चयन होने के बाद 2011 से 2019 तक नेवी में मुंबई में जॉब कर रहे थे और अब उनका ट्रांसफर विशाखापटृनम मे किया गया है अंशुल नेवी में जूनियर कमीशनर ऑफिसर ऑफिसर है।

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