बिहार के समस्तीपुर से चौंका देने वाला मामला सामने आया है। जहां RPF की टीम ने ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो फिल्मी अंदाज में शराब की तस्करी करता था। दरअसल आरोपी रेलवे ट्रैक के ज्वाइंट पर सिक्का रखकर ट्रेन को रोक देता था और फिर शराब की खेप उतारता थे। RPF ने गिरोह के तीन लोगों को शराब की 35 बोतलों के साथ गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों की पहचान विशाल कुमार सिंह, रवि कुमार सिंह और निखिल कुमार सिंह के रूप में हुई है।
सिक्के से कैसे रोकते थे ट्रेन
यह गिरोह बड़ी ही चालाकी के साथ काम लेता था। जहां भी शराब की खेप उतारनी होती थी वहीं पर रेलवे ट्रैक के ज्वाइंट पर सिक्का रख देते थे, जिससे शॉर्ट सर्किट हो जाता था। इस वजह से आगे का सिग्नल लाल हो जाता था और ट्रेन रुक जाती थी। इसके बाद आरोपी ट्रेन से शराब को उतारकर बाइक से फरार हो जाते थे। यह गैंग समस्तीपुर-दरभंगा रेल ट्रैक पर काम करता था। ट्रेन जब कसनपुर स्टेशन के आगे बढ़ने वाली होती तभी गैंग का एक सदस्य रेल की पटरी पर सिक्का रखकर सिग्नल को लाल कर देता था, जिससे ट्रेन रुक जाती थी।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
जब रेलवे सिग्नल कंट्रोल रूम को किसनपुर स्टेशन से आगे सिग्नल के लाल हो जाने शिकायत मिलने लगी तो मामले की जांच की गई। जांच के दौरान रेलवे को सिग्नल सिस्टम में कोई खराबी नहीं मिली तो सिविल ड्रेस में आरपीएफ की टीम को ट्रेन और किसनपुर स्टेशन के आसपास तैनात किया गया। आरोपी जैसे ही रेल पटरी पर सिक्का रखकर सिग्नल लाल करने के बाद शराब उतारने लगे तभी आरपीएफ की टीम ने तीनों आरोपियों को शराब की बड़ी खेप के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
इस बीच आरपीएफ इंस्पेक्टर बीपी वर्मा ने बताया कि तीनों आरोपी ट्रेनों से शराब की खेप मंगवाते थे और स्टेशन पर पकड़े जाने के डर से किसनपुर स्टेशन से पहले ही ट्रेन को रुकवा लेते थे। फिर ट्रेन से शराब को आराम से नीचे उतार लेते थे।