आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता रहा है। दरअसल बिहार से जेडीयू कोटे से राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के ही गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं। इसलिए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे और प्रत्याशियों के चयन सहित पार्टी से संबंधित कई मसलों पर नीतीश कुमार आरसीपी सिंह से मशविरा करते रहे हैं। करीब तीन दशकों तक आरपीसी सिंह नीतीश के करीबी रहे है।
यही कारण है कि आरसीपी सिंह को जेडीयू में नीतीश के सर्वाधिक भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। आपको बता दें आरसीपी सिंह राजनीति में आने से पहले सिवलि सर्विसेज में थे और नीतीश सरकार में प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने 2010 में सिविल सर्विसेज से सेवानिवृत्ति ले ली। जिसके बाद वह सक्रिय राजनीति में उतर आए और जेडीयू से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।

आरसीपी सिंह की एक और पहचान
वहीं आरसीपी सिंह की एक और पहचान है। दरअसल इन्हें बिहार में दबंग और लेडी सिंघम के नाम से चर्चित 2016 बैच की IPS अधिकारी लिपि सिंह के पिता के तौर पर भी जाना जाता है। लिपि सिंह उस वक्त सुर्खियों में आई थीं, जब विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच अक्टूबर में बिहार के मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई फायरिंग और भीड़ पर लाठीचार्ज के बाद प्रशासन निशाने पर आ गया था।
इस घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई थी, जबकि कुछ पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें पुलिसकर्मियों को भीड़ पर लाठीचार्ज करते देखा गया।

इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में भी भूचाल आ गया था। कभी मुंगेर की ‘लेडी सिंघम’ के नाम से चर्चित एसपी लिपि सिंह को सोशल मीडिया पर किसी ने ‘जनरल डायर’ कहा तो उनके निलंबन और बर्खास्तगी की मांग भी उठी।
बिहार में पोस्टिंग दिलाने में रहे कामयाब
वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लिपि सिंह के पिता के करीबी रिश्ते के कारण सरकार का रुख उन्हें लेकर नरम रहा। आरोप यह भी है कि आईएएस लॉबी में मजबूत पकड़ के कारण आरसीपी सिंह अपनी बेटी को बिहार में पोस्टिंग दिलाने में कामयाब रहे।
लिपि सिंह बाढ़ अनुमंडल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर काम करते हुए इलाके के बाहुबली नेता और निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी चर्चा में आई थीं।
वहीं जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान शनिवार को किया था। इस दौरान उन्होंने पार्टी के कुछ लोगों पर उनके खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत भी दिया है। दरअसल जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा था।

आरसीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर बिहार का राजनीतिक माहौल गरम हो गया। जदयू ने आरसीपी सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पार्टी में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाई है। JDU नेताओं ने RCP सिंह पर 9 साल में 58 प्लॉट खरीदने का गंभीर आरोप लगाया। जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। जिसके बाद RCP सिंह ने इस्तीफ दे दिया।
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