बिहार में राजनीतिक बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। सभी की निगाहें अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU और मुख्य विपक्षी पार्टी RJD पर टिकी है। क्योंकि दोनों दलों ने अपने-अपने विधायकों की बैठकों बुलाई है। जेडीयू और बीजेपी के बीच दरार की खबरों के बीच RJD के विधायक और नेता पटना में लालू प्रसाद यादव के आवास पर मौजूद हैं। इस बैठक में लेफ्ट के विधायक भी पहुंचे हैं।
इस दौरान बड़ी बात यह है कि सभी विधायकों के मोबाइल मीटिंग रूम के बाहर रखवा दिए गए है। JDU के विधायकों की बैठक RCP सिंह के पार्टी से बाहर निकलने के नतीजों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है। सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी राज्यपाल से मिलेंगे। साथ ही बीजेपी के 16 विधायक भी देेंगे इस्तीफा
वहीं आपको बता दें कि बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने दावा किया है कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है और नीतीश कुमार ही सीएम होंगे।
विधायकों को तोड़ने के लिये उन्हें मत्री और सांसद के ऑफर
JDU के कुछ विधायकों को तोड़ने के लिये उन्हें मत्री और सांसद के ऑफर दिए गए हैं। विधायकों के पास ऑफर की फोन कॉल की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
वहीं राबड़ी के आवास पर महागठबंधन की बैठक चल रही है। इस बैठक में वामदलों के विधायक भी मौजूद हैं। बैठक में कांग्रेस और लेफ्ट विधायकों को भी न्योता भेजा गया है। बैठक में RJD के 79 और कांग्रेस के 19 विधायक मौजूद हैं।
इससे पहले कल नीतीश के विश्वासपात्र माने जाने वाले राज्य के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, मुझे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में संकट नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने अपना जनता दरबार कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें भारतीय जनता पार्टी BJP के कई मंत्री मौजूद थे।
आपको बता दें बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चौधरी के पास वर्तमान में राज्य मंत्रिमंडल में संसदीय मामलों का विभाग है। चौधरी ने कहा कि वरिष्ठ नेता ने पार्टी में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान कई सदस्यों के साथ संबंध बनाए होंगे।
स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद दिया इस्तीफा
अब जबकि उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया है तो यह जानने की जरूरत महसूस की जा रही है कि अन्य वरिष्ठ नेता इस प्रकरण को कैसे देखते हैं। कल की बैठक उन्हें इसके लिए एक अवसर प्रदान करेगी। आरसीपी सिंह लगभग तीन दशक तक नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी रहे हैं।
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी नीतीश कुमार के साथ नए सिरे से गठजोड़ के बारे में लगातार मीडिया की अटकलों पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि हमारी ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है और न ही हमें ऐसा कोई प्रस्ताव मिला है।
वहीं आरजेडी के विधायकों ने प्रस्तावित बैठक के बारे में कहा कि हमारी आज की बैठक एनडीए में खींचतान को लेकर नहीं है। यह बहुत पहले निर्धारित किया गया था और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पार्टी विधायकों के साथ आमने-सामने बातचीत करना चाहते हैं, जिनमें से कई पार्टी के सदस्यता अभियान को चलाने में ढिलाई बरत रहे हैं, जो संगठन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।
पार्टी द्वारा मीडिया के साथ साझा किए गए एक संचार
इस बीच, पार्टी द्वारा मीडिया के साथ साझा किए गए एक संचार में यह भी कहा कि आरजेडी के संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव को आरजेडी की ओर से सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है और पार्टी के अन्य साथी द्वारा प्रसारित सभी विचारों को उनकी व्यक्तिगत राय माना जाएगा. पार्टी नेतृत्व से प्राधिकृत राय ही दल का रूख होगा.
इसी बीच सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, उन्होंने कहा कि ”मुहर्रम के अवसर पर कर्बला के शहीदों एवं हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानियों को नमन. राज्यवासियों से अपील है कि हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानियों को याद करते हुए उनके आदर्शों को अपनाएं।”
बिहार में राजनीतिक बदलाव की अटकलों के बीच बीजेपी की राज्य इकाई की ओर से कोई प्रतिक्रिया अब तक सामने नहीं आयी है। देर शाम पार्टी नेताओं ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के आवास पर बंद कमरों में हालांकि मुलाकात की, पर क्या नतीजे रहे इस पर कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं दिखा। राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने राज्य में राजनीतिक बदलाव की अटकलों के बीच एक कदम आगे बढ़ते हुए नीतीश के बीजेपी से नाता तोड़ लेने की स्थिति में बिना शर्त उनका समर्थन करने का एकतरफा एलान कर दिया है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव और पार्टी विधायक शकील अहमद खान ने कहा, सभी पार्टी विधायकों ने सर्वसम्मति से नीतीश के बीजेपी से नाता तोड़ने की स्थिति में अस्तित्व में आने वाले नए समीकरण का समर्थन करने का संकल्प लिया है। एआईसीसी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास प्रदेश के एक निर्धारित दौरे पर हैं। उन्होंने विधायक दल की बैठक से पहले इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त किया पर जब उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की है और 11 अगस्त को उनसे मिलने का समय दिए जाने की मांग की है, इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें पता नहीं है।
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