नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह के ओएसडी ठगी का शिकार हो गए। किसी ने व्हाट्सएप पर निर्वाचन अधिकारी की डीपी (फोटो) लगाकर उनके ओएसडी जितेंद्र लाल गुप्ता से दो लाख रुपये ठग लिये। आरोपित ने खुद को रणबीर सिंह बताकर तुरंत दो लाख के अमेजन वाउचर खरीदकर भेजने की बात की। ओएसडी ने बॉस का आदेश मानकर ऐसा ही किया और वाउचर खरीदकर एक नंबर पर भेज दिए। बाद में उनको ठगी का पता चला तो उत्तरी जिला साइबर थाने में शिकायत दी गई।
साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की तो पता चला कि ठगी के लिए कॉल नाइजीरिया से की जा रही थी। ठगों ने हरियाणा के यमुना नगर में एक मजदूर के मोबाइल नंबर को हैक किया हुआ था। फिलहाल साइबर थाना पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
जानकारी के मुताबिक जितेंद्र लाल गुप्ता दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह के ओएसडी हैं। वह उत्तरी दिल्ली के ओल्ड स्टीफंस बिल्डिंग में बैठते हैं। पुलिस को दिए बयान में पीड़ित ने बताया कि उनके मोबाइल पर एक अंजान मोबाइल नंबर से मैसेज आया। व्हाट्सएप नंबर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी की डीपी लगी हुई थी।
जितेंद्र को लगा कि मैसेज निर्वाचन अधिकारी ने ही किया है। मैसेज करने वाले व्यक्ति ने जितेंद्र से उनकी लोकेशन पूछी। इसके बाद कहा कि वह जरूरी मीटिंग में हैं और कॉल उठाने की स्थिति में नहीं हैं। आरोपी ने जितेंद्र से कहा कि वह तुरंत दो लाख रुपये के अमेजन गिफ्ट वाउचर खरीदकर उनको भेजे। पीड़ित ने उसी नंबर पर कॉल कर बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मैसेज कर व्यस्त होने की बात की।
मैसेज को सच मानकर जितेंद्र गिफ्ट वाउचर खरीदने में लग गए। किसी वजह से उनका अमेजन अकाउंट ब्लाक हो गया। इसके बाद उन्होंने अपने साथी संदीप तिवारी के अकाउंट से वाउचर खरीदे, जिसकी पेमेंट उन्होंने अपने खाते से ही की।
बाद में खरीदे गए वाउचर उसी व्हाट्सएप नंबर पर भेज दिए गए। बाद में जब पीड़ित ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सरकारी नंबर पर कॉल किया तो पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। एक जुलाई को इस संबंध में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि आरोपितों ने हरियाणा के यमुना नगर के एक मजदूर के व्हाट्सएप को हैक कर वारदात को अंजाम दिया है।
ठगी की सभी कॉल नाइजीरिया से की गई थी। इसके आधार पर पुलिस आगे की जांच कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि वारदात को लोकल लोगों के बिना अंजाम नहीं दिया जा सकता है। उसके आधार पर साइबर थाना पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।