शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण काफी तबाही मची है. यहां मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में मरने वालों की कुल संख्या 50 के पार चली गई है. सूबे की राजधानी शिमला में 14,सोलन में 10, सिरमौर में 4 और सबसे ज्यादा मंडी जिले में 19 लोगों की मौत हुई है. यहां पर बचाव कार्य लगातार जारी है.
कंडाघाट-शिमला के बीच आवाजाही बंद
बता दें कि राज्य के जुतोग और समर हिल स्टेशनों के बीच कालका-शिमला ट्रैक बह गया है. कंडाघाट-शिमला के बीच लोगों के आवाजाही को रद्द कर दिया गया है. यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. एनडीआरएफ अधिकारी नासिफ खान के अनुसार अभी यहां पर 30-35 लोगों के फंसे होने की सूचना है. यहां पर पेड़ों को काटकर मलबे को हटाने की कोशिश की जा रही है.
राज्य के कई रास्ते किए गए डायवर्ट
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा कि सोलन के जादोन गांव में बादल फटने से कई लोगों की मृत्यु हो गई है. उन्होंने आगे कहा कि, हमने अधिकारियों को इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता और समर्थन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा, सोलग के पास दाड़लो मोड़ से बैरी रोड बंद हो गया है. रविवार को ट्रैफिक दाड़ला मोड़ से नवगांव बैरी बरमाना घागस डायवर्ट किया था. अब नवगांव बैरी सड़क भी सोलग के पास बंद है. लहासा गिरने से मार्ग बाधित हुआ है. वाहन चालकों को खारसी से जब्बलपुल लिंक रोड से घागस पहुंचना पड़ेगा.
मलबे में दबे दर्शन करने आए श्रद्धालु
शिमला में यहां पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन देखने को मिला है, जिसके चपेट में एक शिवमंदिर भी आ गया है. सावन के सोमवार पर पूजा करने पहुंचे करीब 50 से अधिक लोग मलबे में दब गए. श्रद्धालुओं को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। बताया जा रहा है कि शिमला के समरहिल इलाके में ये हादसा हुआ. यहां शिव मंदिर भूस्खलन की चपेट में आ गया. इसके चलते करीब 50 लोग मलबे में दब गए. पुलिस और प्रशासन द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है.