President Election: 18 जुलाई यह वह तारिख हैं जिस दिन देश को अपना राष्ट्रपति मिल जाएगा। इसका इंतजार अब हर किसी को है की किसकी किस्मत में होगी राष्ट्रपति की गद्दी । बता दें कि अब सिर्फ 6 दिन का वक्त बचा है। 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 56 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। हालांकि, सभी की निगाहें दो दिग्गजों द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा पर टिकी हैं। इस रेस में एनडीए उम्मीदवार मुर्मू का जीतना लगभग तय माना जा रहा है। बता दें की द्रौपदी मुर्मू को दो और दलों का समर्थन मिल गया है। सोमवार को पहले आंध्र प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी यानी टीडीपी ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट डालने का एलान किया, फिर शिवसेना के उद्धव गुट ने। अब आज शिवसेना के शिंदे गुट ने भी मुर्मू का समर्थन कर दिया है। इसी के साथ मुर्मू की उम्मीदवारी और मजबूत हो गई है। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पीछे होते जा रहे हैं।
द्रौपदी मुर्मू को किन-किन दलों का मिला साथ?
एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अब तक भाजपा के अलावा बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी, जनता दल सेक्युलर, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, जेडीयू, एआईएडीएमके, लोक जन शक्ति पार्टी, अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), एनपीपी, एनपीएफ, एमएनएफ, एनडीपीपी, एसकेएम, एजीपी, पीएमके, एआईएनआर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी, यूडीपी, आईपीएफटी, यूपीपीएल जैसी पार्टियों ने समर्थन दे दिया है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन में शामिल ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकती है। समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भी मुर्मू के पक्ष में ही वोट डालने का एलान किया है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जनसत्ता दल लोकतांत्रीक भी एनडीए प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहा है।
विपक्ष में होने के बाद भी बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, जनता दल सेक्युलर, अकाली दल, टीडीपी और बहुजन समाज पार्टी ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया है। इन सभी के पास 6.70 लाख वैल्यू से ज्यादा के वोट हैं। ये आंकड़ा जीतने के लिए जरूरी संख्या से काफी ज्यादा है।
आंकड़ों से समझिए गणित?
राष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के निर्वाचित सांसद, सभी राज्यों के विधायक वोट करते हैं। इनके वोट की कुल वैल्यू 10 लाख 86 हजार 431 होती है। इस तरह जीत के लिए आधे से एक वोट की ज्यादा जरूरत होती है। मतलब उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम पांच लाख 43 हजार 216 वोट चाहिए होंगे।
अभी भाजपा के पास करीब छह लाख 70 हजार वैल्यू के वोट हैं। मतलब जीत के लिए निर्धारित वोट से कहीं ज्यादा, वहीं सिन्हा के पास करीब तीन लाख 89 हजार वैल्यू के वोट हैं। मतलब जीत के लिए निर्धारित वोट वैल्यू से करीब डेढ़ लाख कम। ऐसे में अब तक जो आंकड़े दिख रहे हैं, उससे साफ पता चलता है कि द्रौपदी मुर्मू ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सकती हैं।