Lokayukta Maharashtra: महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बाद एक नया मोड़ सामने आया है. महाराष्ट्र सरकार राज्य में लोकपाल अधिनियम लागू करने का फैसला किया है. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अध्यक्षता वाले एक पैनल की सिफारिशों को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया गया है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, अन्ना हजारे की बात मान ली गई है, अब जल्द ही राज्य में लोकायुक्त लाया जाएगा.
बताता चले की, भाजपा-शिव सेवा (बालासाहेब) सरकार शीतकालीन विधानसभा सत्र में इसके लिए विधेयक पेश करेगी. साथ ही नया कानून महाराष्ट्र लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1971 की जगह लेगा. जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय और पूरा मंत्रिमंडल भी नए कानून के दायरे में आएगा. यह लोकायुक्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत सशक्त करेगा, जो पहले के कानून में नहीं था.
हमने अपने कार्यकाल में सिफारिश करने के लिए अन्ना हजारे के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था. लेकिन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के दौरान इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. जब हम सत्ता में लौटे तो हमने इस प्रक्रिया को तेज किया है. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, हम पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार चलाएंगे. महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे, इसलिए हमने राज्य में लोकायुक्त कानून लाने का फैसला लिया है.
जानिेए क्या है लोकायुक्त?
लोकायुक्त सर्वोच्च वैधानिक प्राधिकरण है जिसका उद्देश्य राज्य सरकार और उसके प्रशासन के खिलाफ लोगों की शिकायतों को देखना है. एक बार विधेयक पारित हो जाने के बाद, राज्यपाल बंबई उच्च न्यायालय (Bombay HC) के मुख्य न्यायाधीश और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के साथ उचित परामर्श के बाद लोकायुक्त की नियुक्ति करेंगे. महाराष्ट्र लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1971 के माध्यम से लोकायुक्त की स्थापना करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य था.
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