मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों समुदाय के बीच सशस्त्र संघर्ष जारी है। इसके बारे में आधिकारिक जानकारी दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस दौरान मामले को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। वहीं दूसरी ओर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करेंगे। इसकेलिए 24 जून को तीन बजे नयी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है
केसी वेणुगोपाल का ट्वीट
मणिपुर को लेकर बुलाई गई बैठक को लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा कि सोनिया गांधी के संदेश के बाद सरकार की नींद खुली है। राज्य में राष्ट्रपति शासन न लगाना लोगों के साथ मजाक की बात है।
आगे उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में पीएम की भागीदारी न होना उनकी कायरता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मीटिंग दिल्ली में नहीं बल्कि मणिपुर में होनी चाहिए। उनका कहना है कि दिल्ली में बैठक करने से गंभीरता का अभाव दिखाई देगा।
क्यों हुई मणिपुर में हिंसा?
मणिपुर में हिंसा शुरु हुई 3 मई से, जब मैतई समाज और कुकी समुदाय के बीच विवाद हो गया। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) द्वारा ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला गया। इसी रैली में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा हो गई। शाम तक हालात बद से बद्दतर हो गए और राज्य सरकार ने केंद्र से मदद मांगी। आपको बता दें, रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी।
मैतई समुदाय लंबे समय से एसटी के दर्जे की मांग कर रहे हैं। इसके बाद मणिपुर हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा, इसके लिए अदालत ने चार हफ्ते का समय दिया। इसके बाद नागा और कुकी समाज भड़क गए।